सुप्रीम कोर्ट में आय से अधिक संपत्ति मामले में लातेहार के तत्कालीन जिला शिक्षा अधीक्षक कमला सिंह की एसएलपी पर सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस राजेश बिंदल की खंडपीठ ने मामले में अंतिम सुनवाई के लिए लोकायुक्त और केस के शिकायतकर्ता को फिर से नोटिस जारी किया है।
मामले में अदालत ने एसीबी से जवाब मांगा है। अगली सुनवाई चार फरवरी को होगी। सुप्रीम कोर्ट ने कमला सिंह को पूर्व में मिली अंतरिम राहत को बरकरार है। सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व में लोकायुक्त और एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) को नोटिस जारी किया था। सुनवाई के दौरान लोकायुक्त की ओर से कोर्ट में कोई उपस्थित नहीं हुआ।
अदालत ने अंतिम सुनवाई के लिए फिर से सभी को नोटिस किया है। कमला सिंह ने झारखंड हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की है। कमला सिंह पर लातेहार के जिला शिक्षा अधीक्षक रहते हुए वर्ष 1995 से 2005 के बीच वित्तीय अनियमितता की शिकायत लोकायुक्त से की गई थी।
लोकायुक्त ने शिकायत के आधार पर एसीबी को कमला सिंह की संपत्ति की जांच का आदेश दिया था। कमला सिंह ने इसके खिलाफ झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। सितंबर 2023 को हाई कोर्ट ने कमला सिंह की याचिका खारिज कर दी थी। पिछली सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता मनोज टंडन ने कहा था कि लोकायुक्त अधिनियम 2001 के धारा आठ के तहत किसी सरकारी सेवक पर आरोप लगने के पांच साल के भीतर जांच करने का आदेश दिया जा सकता है।
यह मामला 2005 का है और वर्ष 2013 में इसकी शिकायत रवि कुमार डे ने लोकायुक्त से की थी। 2017 में लोकायुक्त ने इनकी संपत्ति का जांच का आदेश दिया था, जो गलत है। नियमानुसार लोकायुक्त को आदेश पारित करने के पहले सरकारी सेवक को अपनी बात रखने का मौका दिया जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इसलिए हाई कोर्ट का आदेश निरस्त किया जाए।