Ranchi: हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव व जस्टिस सुभाष चंद्र की खंडपीठ में गुरुवार को साहिबगंज जिले में पेयजल आपूर्ति की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई।खंडपीठ ने राज्य सरकार को प्रगति रिपोर्ट दायर करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई फरवरी माह में निर्धारित की गई है। इस बीच अदालत ने सरकार को तेजी से कार्य करने को कहा है। प्रार्थी सिद्धेश्वर मंडल ने इस संबंध में जनहित याचिका दायर की है। मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि कार्य कर रहे कंपनी के द्वारा कार्य बहुत ही धीरे से किया जा रहा था। जिसके कारण समय से कार्य पूर्ण नहीं हो पा रहा था।
समय पर कार्य पूर्ण न होने के कारण कंपनी के कार्य का टेंडर रद्द कर दिया गया है। नए सिरे से फिर कार्य के लिए टेंडर निकाला गया है। टेंडर प्रक्रिया पूर्ण होते ही नई कंपनी को कार्य सौंपा जाएगा और नई कंपनी से तेजी से कार्य पूर्ण करवाया जाएगा। उन्होंने अदालत को आश्वस्त किया कि शीघ्र ही पेयजल आपूर्ति की कार्य पूर्ण हो जाएगी । जिस पर अदालत ने उन्हें दो माह का समय देते हुए शीघ्र कार्य को निष्पादित करने का निर्देश दिया है। राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता आशुतोष आनंद ने पक्ष रखा। प्रार्थी ने याचिका के माध्यम से अदालत से यह आग्रह किया था कि वह साहिबगंज जिले में पेयजल आपूर्ति नहीं हो रही है। जिसके कारण से काफी कठिनाई हो रहा है पानी लोगों के मूलभूत आवश्यकता है।
पूर्व में हाईकोर्ट ने कार्रवाई करने का दिया था निर्देश ः
पूर्व की सुनवाई में हाईकोर्ट ने कहा था कि जलापूर्ति योजना पूरी होने में देरी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश राज्य सरकार को दिया था। खंडपीठ ने मौखिक कहा था कि चाहे कार्यपालक अभियंता हो या चीफ इंजीनियर या इंजीनियर इन चीफ या फिर ठेकेदार हो जिनके कारण साहिबगंज में जलापूर्ति योजना पूरी नहीं हो पाई है। उन पर कार्रवाई करें। कोर्ट ने मौखिक कहा था कि पानी लोगों की मूलभूत जरूरत होती है। इसके बिना सामाजिक दायित्व पूरा होना असंभव है। गुड गवर्नेस के तहत राज्य सरकार को प्राथमिकता के आधार पर साहिबगंज हो या पाकुड़ हो या मेदिनीनगर हो, यहां के लोगों को पेयजल उपलब्ध कराना होगा।