High Court: सहायक व्याख्याता नियुक्ति परीक्षा में एसटी उम्मीदवार की नियुक्ति के मामले में हाईकोर्ट ने प्रतिवादी मनोज कुमार कच्छप को दोबारा नोटिस भेजने का निर्देश दिया है। जेपीएससी की अपील याचिका पर सोमवार को सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने यह निर्देश दिया। सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि पूर्व में प्रतिवादी को नोटिस जारी किया गया था, लेकिन उसका तामिला अभी तक नहीं हो सका है। इसके बाद अदालत ने दोबारा नोटिस जारी करने का निर्देश दिया।
इस मामले में हाईकोर्ट के एकलपीठ के आदेश के खिलाफ जेपीएससी ने याचिका दायर की है। जुलाई 2018 में जेपीएससी ने नागपुरी भाषा के लिए बैकलॉग वैकेंसी के तहत सहायक व्याख्याता के चार पदों के लिए विज्ञापन निकाला था।
दस्तावेजों की स्क्रूटनिंग के बाद प्रार्थी मनोज कच्छप को 85 में 72.10 अंक दिया गया, लेकिन इंटरव्यू लिस्ट जारी किया गया तो उसमें उसका नाम नहीं था। इसके बाद उसने एकलपीठ में याचिका दायर की। इसके बाद एकलपीठ ने प्रार्थी को इंटरव्यू में शामिल करने का निर्देश दिया। अदालत ने कहा कि था प्रार्थी का रिजल्ट कोर्ट के अंतिम आदेश से प्रभावित होगा। इसके बाद जेपीएससी ने रिजल्ट जारी किया, लेकिन कोर्ट के आदेश के आलोक में प्रार्थी का रिजल्ट रोक दिया। बाद में कोर्ट ने प्रार्थी का रिजल्ट मंगाया। जेपीएससी ने सीलबंद रिपोर्ट पेश की। कोर्ट को पता चला कि प्रार्थी ने सबसे अधिक अंक प्राप्त किए हैं। इसके बाद जेपीएससी ने अदालत को बताया कि जिस समय प्रार्छी ने परीक्षा फीस जमा की थी उस समय स्टेटस फेल हो चुका था और फीस की राशि जेपीएससी के खाते में जमा नहीं हो सकी थी। इस पर एकलपीठ ने कहा कि प्रार्थी ने फॉर्म भरा, इसके बाद दस्तावेज की स्क्रूटनी के बाद उसका मार्क्स कार्ड भी जारी हुआ और उसे इंटरव्यू के समय पता चलता है कि उसने फीस जमा नहीं की है। वही प्रार्थी की ओर से कहा गया था कि उसने समय से अपना परीक्षा फीस जमा की थी। जेपीएससी उसे कैंडिडेट के रूप में मान रहा था। जेपीएससी के रिजेक्शन लिस्ट में उसका नाम नहीं था। एकलपीठ ने प्रार्थी मनोज कुमार कच्छप की रिट याचिका को स्वीकृत करते हुए जेपीएससी को निर्देश दिया था कि वह चार सप्ताह में प्रार्थी को नियुक्त करने करे। इसके खिलाफ जेपीएससी ने खंडपीठ में अपील दायर की है।