Ranchi: डालसा के नव चयनित 164 पीएलवी को पांच दिनों तक उसके कार्यों के प्रति जानकारी दी जा रही है। पांच दिवसीय ऑरिएंटेशन एवं इंडक्सन ट्रेनिंग प्रोग्राम के अंतर्गत प्रशिक्षण दिया जा रहा है। गुरुवार को एलएडीसीएस अधिवक्ता राजेश कुमार सिन्हा ने कहा कि पीएलवी का कार्य गरीब, मानसिक व आर्थिक रूप से लाचार तथा अपंग लोगों को उसके कष्ट को सुनना है तथा उसे आवेदन का रूप देकर उचित लेखन कला में लिखकर जिला विधिक सेवा प्राधिकार में जमा करना है। साथ ही डालसा सचिव को पीड़ित या पीड़िता के पीड़ा से अवगत कराना हैं। जिससे कि त्वरित कार्रवाई कर उसके समस्याओं को समाप्त करने के लिए हर संभव प्रयास किया जा सके।
पीएलवी विक्की चौधरी ने कहा कि सभी पीएलवी को पंचायत, ब्लॉक और गांव में रह-रहे गरीब तबके के लोगों को पीड़ा को सुनकर, आवेदन तैयार कर जिला विधिक सेवा प्राधिकार, रांची से सम्पर्क कर उसे लाभ पहुंचाना ही पीएलवी का कार्य होता है। इसके साथ ही नवचयनित 164 पीएलवी को पीएलवी ट्रेनिंग रिवाईज्ड रूल्स के तहत संप्रेक्षण गृह का भी दौरा कराया गया और पीएलवी की कार्यशैली को रिसोर्स पर्सन्स के द्वारा बताया गया। कार्यक्रम में अन्य मध्यस्थतों ने पीएलवी के कार्यों को बताया।
इस अवसर पर एलएडीसीएस अधिवक्ता राजेश कुमार सिन्हा, अधिवक्ता मध्यस्थ सुश्री ममता श्रीवास्तव, सुश्री मनिषा रानी एवं पीएलवी विक्की चौधरी समेत सभी 164 पीएलवी उपस्थित थे। एलएडीसीएस अधिवक्ता राजेश कुमार सिन्हा व पीएलवी विक्की कुमार चौधरी ने नवनियुक्त 164 पीएलवी को प्रारंभिक श्रवण संचार, अवलोकन कौशल एवं प्रारूपण कौशल के बारे में विस्तार से बताया।
प्रशिक्षण के दौरान अपने संबोधन में मनीषा मनिषा रानी एवं ममता श्रीवास्तव ने फैमिली लॉ पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने विवाह कानून से संबंधित विषय में जैसे विभिन्न धर्मों में विवाह के प्रकार, विवाह की रीति, वैवाहिक पुनर्स्थापना, वैधिक अलगाव एवं तलाक के कानून पर प्रकाश डाला। भरण-पोषण, गार्जनशीप एक्ट तथा घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम पर भी बताया। उन्होंने यह भी बताया कि ग्रामीणों के बीच होनेवाले समस्याओं को किस प्रकार सुनना, समझना उस पर मध्यस्थता करना, समझाना तत्पश्चात ही कानूनी प्रक्रिया को अपनाने हेतु प्रयास करने को कहा। आवेदन बनाने का भी प्रशिक्षण पीएलवी को दिया गया। ग्रामीणों के बीच होनेवाली छोटे समस्याओं का निवारण हेतु कौन-कौन से फोरम में आवेदन दिया जा सकता है तथा किस प्रकार समस्याओं को प्रारंभिक अवस्था में ही समाप्त कराया जा सकता इसकी जानकारी प्रशिक्षण में दी गयी।