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रांचीः फैमिली कोर्ट रूम में जज के सामने ही वकीलों के बीच हुई मारपीट मामले में दोनों पक्षों की ओर से दर्ज कराई गई प्राथमिकी, सीसीटीवी देगा सच-झूठ का सबूत

कोर्ट रूम में 20 सितंबर को हुई थी मारपीट की घटना

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रांचीः सिविल कोर्ट रांची के प्रधान कुटुम्ब न्यायालय(फैमिली कोर्ट) कक्ष में 20 सितंबर शुक्रवार को वकीलों के बीच हुई मारपीट की घटना को लेकर दोनों पक्षों की ओर से कोतवाली थाने में 21 सितंबर को प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। वकील राज कुमार वर्मा ने दर्ज प्राथमिकी(कांड संख्या 242/24) में कहा गया है कि घटना के दिन दो केस फैमिली कोर्ट में लगा हुआ था। उसी केस में पैरवी करने गया था। पैरवी के दरम्यान ही मुझे जान मारने की नियत से कार्यकारिणी समिति के सदस्य अधिवक्ता बबलू कुमार सिंह, वकील श्रेया कुमारी, उनके पिता वकील संतोष कुमार एवं बबलू के मुवक्किल पारिजात कुमार ने हमला करने का आरोप लगाया है। साथ ही उनलोगों पर मारपीट करना एवं कोर्ट बैंड एवं गाउन को फाड़ देने का आरोप चारों पर लगाया है।

आगे कहा गया है कि मुझे बुरी तरीके से मारा है। श्रेया गाली देते हुए चेहरे पर घुसा से मारने लगी जिससे मेरी नाक के बगल में जख्म हो गया और खून बहने लगा। जिसके कारण करीब बेहोशी के हालत में आ गया। कोर्ट रूम में ही गिर गया है। राज वर्मा ने जानकारी दी कि स्थिति गंभीर हो गई थी, सिविल कोर्ट के मेडिकल डिस्पेंसरी में प्राथमिक इलाज के बाद सदर अस्पताल में रेफर किया गया। जहां तीन घंटे इलाज चला। प्राथमिकी जानलेवा हमला, मारपीट करने, अपमानित करने समेत अन्य धाराओं के तहत दर्ज कराई गई है। साथ ही कहा गया है कि नामजद आरोपियों पर उचित कानूनी कार्यवाही की जाए। यहां बता दें कि फैमिली कोर्ट जज के सामने सभी घटनाएं घटी।

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वहीं वकील श्रेया कुमारी ने काउंटर एफआईआर राज कुमार वर्मा, वकील प्रकाश झा, वकील रोहित सिंह, वकील सौरभ शर्मा, वकील रौनक अग्रवाल, वकील इमरान अली, वकील सुशील कुमार, मुंशी उदय कुमार एवं डिपू के साथ एक अज्ञात के खिलाफ दर्ज कराई है। जिसमें कहा गया है कि 20 सितंबर को दिन के 11.45 मिनट पर फैमिली कोर्ट में मेरे भाई परिजात कुमार का विवाह विच्छेद केस में गवाही चल रही थी। गवाही के दौरान ही राज कुमार वर्मा ने हस्तक्षेप करते हुए गंदी-गंदी गालिया देने लगा। मेरे कोर्ट के कॉलर को बूरी नियत से खींचा। बदसलूकी की।

कुछ देर बाद वकील राहुल पांडे के पूरे एसोसिएशन षडयंत्र के तहत मुझे एवं मेरे भाई को जान से मारने की नियत से उक्त अधिवक्ता पहुंचे। प्रकाश झा ने कहा तुमको एवं तुम्हारे परिवार को बाहर देख लेगें। प्राथमिकी जानलेवा हमला, मारपीट करने, अपमानित करते समेत भारतीय न्याय संहिता के सात धाराओं के तहत की गई है । दोनों पक्षों की ओर से सीसीटीवी में कैद घटना का हवाला साक्ष्य के रूप में दिया है। अब पूरा मामला जांच पर टिका रहेगा। घटना का पूरा दृश्य सीसीटीवी से स्पष्ट हो जाएगा।

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