रांची: झारखंड हाईकोर्ट में गुरुवार को स्वतः संज्ञान से राज्य में अफीम, चरस, गांजा जैसे मादक पदार्थों की बिक्री एवं पर रोकथाम को लेकर एवं ड्रग्स कारोबार से जुड़ी जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने रांची निगम से जानना चाहा कि रूफ टॉप बार एवं रेस्टोरेंट के संचालन कहां तक उचित है, कहीं यह बिल्डिंग प्लान का उल्लंघन तो नहीं है। शहर के बार एवं रेस्टोरेंट में पार्किंग की सुविधा के लिए क्या पहल की गई है, कोर्ट ने इस पर रांची नगर निगम से जवाब तलब किया है।
सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि रांची में अधिक संख्या में रूफ टॉप बार रेस्टोरेंट चल रहे हैं, इन पर अंकुश लगाने की जरूरत है। राजधानी के हरमू रोड स्थित काव्स रेस्टोरेंट के पास पार्क में गांजा एवं अफीम की बिक्री होती है। इस पर कोर्ट ने रांची एसएसपी को इस पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। साथ-साथ रांची में मंदिर एवं शैक्षणिक संस्थाओं के नजदीक बार के संचालन के खिलाफ लेकर दायर अनुराग कुमार की जनहित याचिका की सुनवाई हुई।
इससे पहले एमिकस कुमार वैभव की ओर से बार एवं रेस्टोरेंट के साथ-साथ गांजा, अफीम जैसे मादक पदार्थ की बिक्री रोकने को लेकर पुलिस की स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) पर सुझाव दिया गया। जिस पर महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि सुझाव पर राज्य सरकार विचार करते हुए आगे कदम उठाएगी। सुनवाई के दौरान रांची में मंदिर एवं शैक्षणिक संस्थाओं के निकट खुदरा शराब दुकान चलने एवं बार के संचालक पर सवाल उठाया गया। जिस पर खंडपीठ ने राज्य सरकार से कहा कि उत्पाद विभाग के एसओपी में इन बिंदुओं पर फोकस रखें, जिससे मंदिर एवं शैक्षणिक संस्थाओं के आसपास शराब दुकान एवं बार का संचालन न हो। मामले की अगली सुनवाई की तारीख 12 सितंबर निर्धारित की गई है।
दरअसल, खूंटी में अफीम के फसलों को नष्ट करने एवं झारखंड में अफीम, चरस, गांजा आदि ड्रग्स के कारोबार में लगातार द्धि पर हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है. इस पर आज झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई.