रांची सिविल कोर्ट के वकील गोपीकृष्ण की हत्या पर सोमवार को हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया। हाईकोर्ट ने राज्य के पुलिस महानिदेशक, रांची के एसएसपी और इस हत्याकांड के खुलासे के लिए बनी एसआईटी का नेतृत्व करने वाले डीएसपी को अदालत में तलब किया और हत्या के बाद पुलिस की ओर से की गयी कार्रवाई की जानकारी मांगी। कोर्ट ने कहा कि रांची के कांके थाना क्षेत्र में बीते दिनों विशेष शाखा में पदस्थापित अनुपम कच्छप की भी अपराधियों ने हत्या कर दी। रांची में अपराधियों का मनोबल बढ़ चुका है उसपर अंकुश लगाने की जरूरत है।
कोर्ट ने डीजीपी से कहा कि वह राज्य के जिलों के एसपी एवं एसएसपी को दिशा निर्देश दें कि अगर उनके थाना क्षेत्र में किसी तरह की आपराधिक घटनाएं होती हैं, तो इसकी जिम्मेदारी थाना प्रभारी पर होगी। कोर्ट ने रांची एसएसपी को भी राजधानी में विधि व्यवस्था दुरुस्त करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि आए दिन रांची में महिलाओं के गले से गहने छीन लिए जाते हैं, उनके घर के निकट से अपराधी उनके गहने छीन ले जाते हैं। इस पर रोक लगाने की जरूरत है। अदालत ने वकील के परिजनों को सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दिया। मामले का अनुसंधान भी जल्द पूरा करने का निर्देश अदालत ने दिया।
अदालत में मौजूद डीजीपी ने बताया कि हत्याकांड के तुरंत बाद एसआईटी का गठन किया और जांच शुरू कर दी गयी । मामले के दो आरोपियों को पुलिस मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया है। । वकीलों के परिजनों को सुरक्षा दी जाएगी। विक्टिम कंपनसेशन एक्ट के तहत परिजनों को उचित मुआवजा भी दिलाया जाएगा। अधिकारियों के जवाब से संतुष्ट होने के बाद अदालत ने मामले की सुनवाई तीन सप्ताह बाद निर्धारित करते हुए पुलिस को प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया।
बता दें कि दो अगस्त को अधिवक्ता गोपीकृष्ण की हत्या दिन दहाड़े चाकू गोंद कर की गयी थी। इस हत्याकांड के बाद वकीलों में रोष व्यक्त हो गया था। इस कांड के विरोध में सिविल कोर्ट के वकीलों ने न्यायिक कार्य से खुद को अलग रख लिया था। महाधिवक्ता राजीव रंजन ने भी डीजीपी को पत्र लिख कर त्वरित कार्रवाई करने और दोषियों के गिरफ्तार करने का आग्रह किया था।