रांची: मंदिर की घंटी और लोटा चोरी मामले के एक आरोपी ने कोर्ट में जज के सामने कहा हुजूर घंटी और लोटा मैंने चुराया है। मैं अपना गुनाह कबूल करना चाहता हूं। दोष स्वीकार करने की अनुमति दी जाए। मैं एक गरीब आदमी हूं, आगे मुकदमा नहीं लड़ना चाहता हूं। कोर्ट ने उसकी बातों को सुना और गुनाह कबूल करने की अनुमति को स्वीकृत किया।
अदालत ने मूरी निवासी आरोपी शेख कलीम उर्फ टिंकू से पूछा कि वह अपना दोष स्वेच्छा से बिना किसी भय अथवा प्रलोभन के स्वीकार करना चाहते हैं। इस पर आरोपी ने कहा कि अपना अपराध स्वेच्छा से बिना किसी भय, दबाव के स्वस्थ मन मस्तिष्क से कर रहे हैं। गुनाह कबूल के बाद अदालत ने पूर्व से जमानत पर चल रहा आरोपी का बंध पत्र खंडित करते हुए उसे न्यायिक अभिरक्षा में लिया।
कोर्ट ने माना दोषी
इसके बाद एसडीजेएम की कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। जिसमें कहा गया है कि शिव मंदिर में चोरी के अपराध में दोषी पाया जाता है। दोष सिद्ध देखने से अत्यंत गरीब प्रतीत होता है और उनकी आर्थिक स्थिति ठीक प्रतीत नहीं होती है। सारे तथ्यों को देखते हुए दोष सिद्ध शेख कलीम उर्फ टिंकू दो हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया जाता है। जुर्माना नहीं भरने पर दस दिनों तक साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी।
नजारत में जमा किया जुर्माने की राशि
कोर्ट ने इस मामले में आरोपी को दोषी करार देते हुए जुर्माने की राशि देने का आदेश दिया था। कोर्ट के फैसले पर आरोपी ने जुर्माने की दो हजार रुपये नजारत में जमा की। इसके बाद अदालत ने न्यायिक अभिरक्षा से मुक्त करने का आदेश दिया।
जाने क्या है पूरा मामला
आरपीएफ बैरक मुरी के शिव मंदिर में 11 नवंबर 2022 को एक घंटी, एक लोटा एवं एक परात की चोरी हुई थी। जिसमें मौके पर आरोपी को पकड़ा गया। घटना को लेकर सिल्ली थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई। आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई। अदालत ने समन किया। समन पर अपने वकील के साथ अदालत पहुंचा और गुनाह कबूल किया।