आय से अधिक संपत्ति मामले में झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रमुख शिबू सोरेन को दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। जस्टिस रेखा पल्ली और जस्टिस सुधीर कुमार जैन की अदालत में सुनवाई के बाद एकल पीठ के आदेश को बरकरार रखते हुए शिबू सोरेन की अपील खारिज कर दी।
खंडपीठ ने एकल पीठ के आदेश में हस्तक्षेप करने की इन्कार कर दिया। अदालत ने कहा कि एकल पीठ का आदेश सही है, इसलिए शिबू सोरेन की याचिका खारिज की जाती है।
आय से अधिक संपत्ति मामले में लोकपाल द्वारा उनके खिलाफ शुरू की गई कार्यवाही में एकल पीठ ने हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया था।
एकल पीठ ने खारिज की थी शिबू सोरेन की याचिका
22 जनवरी को एकल पीठ ने शिबू सोरेन याचिका खारिज करते हुए कहा था कि लोकपाल की कार्यवाही को चुनौती देने वाली शिबू सोरेन की याचिका और शिकायत समय से पहले दायर की गई थी। लोकपाल को देखना था कि इस मामले में आगे की कार्यवाही करने के लिए पर्याप्त सामग्री है या नहीं।
एकल पीठ ने शिबू सोरेन के खिलाफ दुर्भावना से आरोप लगाए को भी खारिज कर दिया था। पीठ ने कहा था कि लोकपाल ने अभी सीबीआइ की ओर से उपलब्ध कराई गई सामग्री पर गौर नहीं किया है।
एकल पीठ के इस आदेश के खिलाफ शिबू सोरेन ने खंडपीठ में अपील दाखिल की थी। बता दें कि भाजपा सांसद निशिकांत दूबे ने अगस्त 2020 में शिबू सोरेन के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।
जिसमें कहा गया था कि शिबू सोरेन और उनके परिवार ने सरकारी खजाने का दुरुपयोग कर भारी संपत्ति अर्जित की है। निशिकांत दूबे की शिकायत के बाद लोकपाल ने सीबीआइ को शिबू सोरेन के खिलाफ यह पता लगाने के लिए प्रारंभिक जांच के आदेश दिए थे कि क्या आगे बढ़ाने के लिए प्रथम दृष्टया कोई मामला बनता है।
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