ED Summon CM Hemant Soren: झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) ने ईडी के समन खिलाफ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) की याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी। चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा और जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने हेमंत सोरेन की याचिका को सुनवाई योग्य नहीं बताया और खारिज कर दिया।
ईडी ने हेमंत सोरेन को जमीन घोटाले से जुड़े मामले में पूछताछ के लिए पांच बार समन जारी किया था, लेकिन वह एक बार भी ईडी के समक्ष उपस्थित नहीं हुए। उन्होंने ईडी के समन को गलत बताते हुए हाई कोर्ट से इसे रद करने का आग्रह किया था।
सीएम की ओर से पक्ष रखते हुए सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि हेमंत सोरेन के खिलाफ कोई केस दर्ज नहीं है। ऐसे में उन्हें समन जारी करना उचित नहीं है। ईडी ने समन में यह स्पष्ट नहीं किया है कि ईडी ने आरोपी या गवाह के रूप में समन जारी किया है। इसलिए समन को रद्द कर देना चाहिए।
समन का हेमंत सोरेन ने किया उल्लंघन- ईडी
ईडी का पक्ष रखते हुए एडिशनल सेलिसीटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि सीएम ने समन का पहले ही उल्लंघन किया है। वे किसी भी समन पर उपस्थित नहीं हुए हैं । समन की अवधि समाप्त हो गई है। ऐसे में अब समन को चुनौती देने का कोई औचित्य नहीं हैं। इसलिए उन्हें राहत नहीं दी जा सकती है।
पीएमएलए एक्ट की धारा 50 और 60 को चुनौती देने के मामले में ईडी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को पहले ही तय कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने विजय मदन लाल चौधरी के केस में कहा है कि एजेंसी को समन और बयान लेने का अधिकार है। ऐसे में हाईकोर्ट इस मामले में कोई आदेश नहीं दे सकता है।
दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद झारखंड हाई कोर्ट ने याचिका को अप्रासंगिक ठहराते हुए सुनवाई योग्य नहीं बताया और प्रार्थी सीएम हेमंत सोरेन को कोई राहत दिए बिना याचिका खारिज कर दी।
सीएम हेमंत सोरेन के पास क्या है विकल्प
सीएम हेमंत सोरेन ने ईडी के समन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रार्थी को पहले हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए पक्ष रखना चाहिए। उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की, लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिली है। ऐसे में अब सीएम हेमंत सोरेन सुप्रीम कोर्ट का रूख कर सकते हैं।
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