सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों को भी अपनी संपत्ति का ब्योरा देना होगा।
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कानून व न्याय के लिए बनी संसदीय स्थायी कमेटी ने न्याय व्यवस्था को लेकर कई सिफारिश की है।
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समिति ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों के लिए भी संपत्ति की जानकारी देना अनिवार्य कर देना चाहिए।
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नेताओं और अफसरों को अपनी संपत्ति की जानकारी देनी पड़ती है, जजों को भी देनी चाहिए। इससे सिस्टम में लोगों का विश्वास बढ़ेगा।
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सुप्रीम कोर्ट ने प्रस्ताव दिया था कि सभी जजों को अपनी इच्छा से संपत्ति का ब्योरा देना है।
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कानून बनाया जाए कि हर साल सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जज अनिवार्य रूप से असेट और लायबिलिटी की जानकारी दें।
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संसदीय समिति ने अदालतों में लंबित मामलों पर भी चिंता जताई है। जजों की छुट्टी कटौती करने पर विचार करना चाहिए।
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संसदीय समिति ने कहा कि न्यायापालिका में छुट्टियों का सिस्टम अंग्रेजों के जमाने से एक जैसा ही चला आ रहा है।
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जब पूरा कोर्ट एक साथ छुट्टी पर चला जाता है तो बहुत असुविधा होती है और कोर्ट का काम रुक जाते हैं।
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इसलिए सलाह है कि सभी जज एक साथ छुट्टी पर ना जाकर बारी-बारी से जाएं। इससे कोर्ट चलता रहेगा और न्याय में देरी नहीं होगी।
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