Ranchi: Age relaxation झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में कृषि सहायक निदेशक की नियुक्ति में उम्र की छूट दिए जाने की मांग वाली अपील याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने प्रार्थी की याचिका को खारिज कर दिया।
अदालत ने कहा कि उम्र में छूट देना राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है। सरकार ने मामले में पहले ही पांच साल उम्र की छूट प्रदान कर चुकी है। अदालत एकलपीठ के आदेश में कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी, इसलिए प्रार्थी की याचिका को खारिज किया जाता है।
इस संबंध में सुरेश टोप्पो की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से कहा गया कि जेपीएससी की ओर से पहली बार इन पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया गया है। इसमें उम्र की सीमा वर्ष 2010 रखी गई है। उन्हें पांच साल उम्र में छूट देनी चाहिए ताकि वे भी नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल हो सकें।
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इस पर जेपीएससी के अधिवक्ता संजय पिपरवाल और प्रिंस कुमार सिंह ने अदालत को बताया कि जेपीएससी ने वर्ष 2015 में विज्ञापन जारी किया था और पांच साल उम्र में छूट देते हुए उम्र सीमा 2010 रखी थी। उम्र में छूट देना राज्य सरकार का अधिकार है। हाल में ही अदालत ने रीना कुमारी के मामले में भी उम्र का निर्धारण करना, सरकार का अधिकार माना है। जेपीएससी ने अनुशंसा सरकार को भेज दी है। इसके बाद अदालत ने प्रार्थी की याचिका को खारिज कर दिया।
लातेहार में फर्जी मुठभेड़ मामले में सरकार से मांगा जवाब
झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत में फर्जी मुठभेड़ मामले की सीबीआई जांच को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है। मामले में अगली सुनवाई 17 फरवरी को होगी। इस संबंध में जीरा देवी की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।
सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि लातेहार जिले में 12 जून 2021 में ग्रामीणों को नक्सली समझकर पुलिस ने गोलीबारी की थी। इसमें ब्रम्हदेव सिंह की मौत हो गई थी और तीन अन्य घायल हो गए थे। इस मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए। इस पर अदालत ने सरकार से जवाब मांगा है।