Ranchi: Opium Smugglers झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस रंगोन मुखोपाध्याय व जस्टिस राजेश कुमार की खंडपीठ में ढाई किलो अफीम बरामद होने के मामले में दस साल की सजा पाए जगरनाथ यादव की अपील पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने इस मामले में जगरनाथ यादव को जमानत की सुविधा प्रदान कर दी और एक लाख रुपये जुर्माना की राशि जमा करने की शर्त पर रिहा करने का आदेश दिया।
जगरनाथ यादव जुलाई 2017 से ही जेल में बंद हैं। निचली अदालत ने वर्ष 2019 में उसे दस साल की सजा सुनाई है। सुनवाई के दौरान अपीलकर्ता की ओर से अधिवक्ता अपराजिता भारद्वाज ने अदालत को बताया कि इस मामले में स्वतंत्र गवाहों ने सफारी गाड़ी से अफीम बरामद होने की घटना से इन्कार कर दिया। वहीं, इस मामले में पुलिस की गवाही में परस्पर विरोधाभासी बयान है।
इसे भी पढ़ेंः Town Planner Appointment Case: जेपीएससी ने कहा- प्रमाण पत्र जमा करने की तिथि बढ़ाने का अधिकार, हाईकोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित
जगरनाथ यादव उक्त सफारी गाड़ी में सहयात्री था और उसे अवैध अफीम की जानकारी नहीं थी, इसलिए वादी को जमानत की सुविधा मिलनी चाहिए। इस दौरान सरकार की ओर से अपीलकर्ता की जमानत का विरोध किया गया। इसके बाद अदालत ने जगरनाथ यादव की जमानत को मंजूर करते हुए एक लाख रुपये जमा करने का निर्देश दिया। बता दें कि 20 जुलाई 2017 को पुलिस ने एक सफारी से ढ़ाई किलो अफीम की बरामदगी की थी। इस मामले में जगरनाथ यादव सहित अन्य को गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में रांची की निचली अदालत ने जगरनाथ यादव को दस साल की सजा सुनाई है।
रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड में दर्ज हुई गवाही
तमाड़ के पूर्व विधायक रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड मामले में एनआइए के गवाह की गवाही दर्ज की गई। एनआइए की विशेष न्यायाधीश एनके वर्मा की अदालत में गवाही दर्ज की गई। कोरोना काल में सुनवाई प्रभावित थी। जिसके कारण उक्त गवाह की गवाही अधूरी रह गई थी। गुरुवार को उनकी गवाही पूरी हो गई और बचाव पक्ष की ओर से उसका प्रति परीक्षण किया गया। इस मामले में अब दो फरवरी को अगली गवाही की तिथि निर्धारित की गई है। बता दें कि रमेश सिंह मुंडा की हत्या 9 जुलाई 2008 को एक कार्यक्रम के दौरान नक्सलियों ने गोली मारकर कर दी थी। इस मामले में कुख्यात नक्सली कुंदन पाहन की गिरफ्तारी एवं उसके बयान पर पूर्व मंत्री राजा पीटर की गिरफ्तारी हुई। फिलहाल अभी दोनों जेल में है।