New Delhi: Lakhimpur Kheri सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को लखीमपुर खीरी मामले में अगली सुनवाई होगी। पिछली सुनवाई पर शीर्ष कोर्ट ने पूछा था कि क्यों न इसकी जांच राज्य से बाहर के हाईकोर्ट के किसी रिटायर्ड जज के करवाई जाए। लखीमपुर खीरी में वाहन से कुचलकर पांच लोगों की मौत हो गई थी। बाद में भीड़ की पिटाई के कारण तीन अन्य लोगों की भी मृत्यु हो गई थी। इस मामले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्र उर्फ टेनी के बेटे आशीष मिश्र सहित 13 लोग जेल में हैं।
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में चल रही जांच की निगरानी के लिए उच्च न्यायालय के एक पूर्व न्यायाधीश को नियुक्त करने के लिए पूछा था, जबकि मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस की जांच पर असंतोष व्यक्त किया था। अदालत ने कहा था कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि मामले में सबूतों का मिश्रण नहीं है, हम लखीमपुर खीरी मामले की जांच की निगरानी के लिए एक अलग उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश को नियुक्त करने के इच्छुक हैं। पीठ ने कहा था कि जांच उस तरह से नहीं हो रही है जैसी हमने उम्मीद की थी।
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बता दें कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के तिकुनिया इलाके में पिछले महीने तीन अक्टूबर को हिंसा के दौरान चार किसान, एक पत्रकार समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी। बहराइच जिले के नानपारा निवासी जगजीत सिंह की तहरीर पर आशीष मिश्र समेत 20 अज्ञात लोगों के खिलाफ बलवा, हत्या के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मामले में 13 आरोपित जेल में हैं। दूसरे पक्ष से सभासद सुमित जायसवाल की तहरीर पर 20-25 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था, जिसमें चार आरोपित जेल में हैं।
तीन अक्टूबर को किसानों का एक समूह यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की यात्रा को लेकर विरोध खिलाफ प्रदर्शन कर रहा था। इस दौरान लखीमपुर खीरी में एक एसयूवी ने चार किसानों को कुचल दिया। इसके बाद गुस्से में आए प्रदर्शनकारियों ने भाजपा के दो कार्यकर्ताओं और एक चालक की कथित तौर पर पीट-पीट कर हत्या कर दी थी। इस हिंसा में एक स्थानीय पत्रकार की भी मौत हो गई थी।