Ranchi: Horse trading case हॉर्स ट्रेडिंग मामले में मुकदमा का सामना कर रही झामुमो विधायक सीता सोरेन के पासपोर्ट नवीनीकरण करने की इजाजत सीबीआइ कोर्ट ने दे दी है। अदालत ने पासपोर्ट को रिलीज कर दिया है। राज्यसभा चुनाव को लेकर वर्ष 2012 में विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में सीबीआइ ने सीता सोरेन को आरोपित बनाया है।
इस मामले में जमानत मिलने के बाद अदालत ने पासपोर्ट जमा करने की शर्त लगाई थी। जिसके बाद इन्होंने अपना पासपोर्ट निचली अदालत में जमा कर दिया था। अदालत ने पासपोर्ट नवीकरण के बाद पुराना एवं नया दोनों पासपोर्ट पुन: अदालत में जमा करने का निर्देश दिया है।
रांची जिला विधिक सेवा प्राधिकार स्थित मध्यस्थता केंद्र में आयोजित पांच दिवसीय विशेष मध्यस्थता अभियान का समापन हो गया। पांच दिनों में कुल 68 मामलों का निपटारा मध्यस्थों द्वारा किया गया। डालसा सचिव कमला कुमारी ने बताया कि निष्पादित मामलों में कई ऐसे मामले हैं जो तलाक के लिए अर्जी आपसी सहमति से दाखिल की गई थी।
इसे भी पढ़ेंः PLANNING POLICY: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- फिजिकल कोर्ट में ही सभी को सुनने में होगी आसानी, शिक्षकों को हटाने की रोक बरकरार
जब उन मामलों को यहां के मध्यस्थों को मिला तो तलाक की जगह फिर से वैवाहिक जीवन शुरू करने पर दोनों पक्षों ने राजी हुए। मध्यस्थ नीलम शेखर ने ऐसे ही दो विवादों को सुलझाया। तीन बच्चों के माता-पिता के बीच आपस में मतभेद होने की वजह से आवेश में आकर आपसी सहमति से तलाक का संयुक्त आवेदन दाखिल किया था।
मध्यस्थता के दौरान दोनों पक्ष अपनी सारे मतभेदों को भूलकर अपने वैवाहिक जीवन को बरकरार रखने को राजी हुए। इसी तरह अन्य मामलों का निष्पादन किया गया। बता दें कि विशेष मध्यस्थता अभियान फिजिकल के साथ ऑनलाइन मोड की व्यवस्था थी।
जिससे पक्षकारों जहां है वहीं से जुड़ कर अपना पक्ष रखने की आजादी थी। लॉकडाउन के दौरान जिन पक्षकारों का मामला लंबित था, उन्हें विशेष अभियान में अपने वादों को निबटाने में राहत मिली। जिसमें मध्यस्थ के साथ वकीलों की भूमिका सराहनीय रही।