Ranchi: teachers Appointment झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस डॉ एसएन पाठक की अदालत में गैर अनुसूचित जिलों में होने वाली नियुक्ति के मालमे में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि दस दिनों में सरकार की ओर से इस पर नीतिगत फैसला लिया जाएगा।
इसके बाद अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई आठ अक्टूबर की तिथि निर्धारित की है। इससे पहले सरकार की ओर से हुए निर्णय को कोर्ट को जानकारी देनी है। इस संबंध में विद्या प्रकाश सहित 18 याचिकाओं पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई।
सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि सोनी कुमारी मामले में झारखंड हाई कोर्ट की वृहद पीठ ने सरकार की नियोजन नीति को असंवैधानिक घोषित कर दिया था। इसके बाद से नियोजन नीति के तहत अनुसूचित और गैर अनुसूचित जिलों में होने वाली नियुक्ति पर रोक लग गई थी।
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हालांकि वृहद पीठ ने कहा कि था कि इस फैसले से अनुसूचित जिलों में हुई शिक्षकों की नियुक्ति रद की जा रही है, लेकिन गैर अनुसूचित जिलों में होने वाली नियुक्ति पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा यानी इन जिलों में नियुक्ति की प्रक्रिया जारी रहेगी।
लेकिन राज्य सरकार ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एसएलपी का हवाला देकर अनुसूचित जिलों के साथ-साथ गैर अनुसूचित जिलों में होने वाली नियुक्तियों पर रोक लगा दी। इसके खिलाफ कुछ अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की।
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सोनी कुमारी के पारा 66 में वृहद पीठ ने गैर अनुसूचित जिलों में किसी भी नियुक्ति पर रोक नहीं लगाई है। वहीं, इस तरह का कोई मामला सुप्रीम कोर्ट में भी लंबित नहीं है। ऐसे में हाई कोर्ट इस तरह के मामलों की सुनवाई कर सकती है।
इसके बाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता राजीव रंजन की ओर से बताया गया कि इस मामले में राज्य सरकार दस दिनों में नीतिगत फैसला लेगी। उम्मीद है कि सरकार एक साकारात्मक फैसला लेगी। अधिवक्ता अमृतांश वत्स और चंचल जैन ने प्रार्थियों की ओर से पक्ष रखा।