Ranchi: झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में प्रशासन की ओर से विभिन्न जगहों पर अतिक्रमण (encroachment) के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के मामले में सुनवाई हुई। शनिवार को सुनवाई के बाद अदालत ने धुर्वा स्थित बालालौंग गांव में अतिक्रमण हटाने पर सोमवार तक रोक लगा दी है।
इस मामले में अदालत ने अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ की गई प्रोसिडिंग से संबंधित दस्तावेज अदालत में जमा करने का निर्देश दिया है। इस मामले में अगली सुनवाई सोमवार को होगी। अतिक्रमण हटाए जाने के खिलाफ बालालौंग गांव के विजय कुमार सहित सात लोगों ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है।
सुनवाई के दौरान वादियों के अधिवक्ता समावेश भंजदेव ने अदालत को बताया कि उन लोगों को नगड़ी सीओ की ओर से अतिक्रमण हटाने से संबंधित नोटिस नहीं मिला। जिला प्रशासन की ओर से केवल अखबारों में अतिक्रमण हटाने का नोटिस और नामों की सूची जारी की गई है।
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नोटिस जारी करने में झारखंड सार्वजनिक भूमि अतिक्रमण एक्ट के प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया है। वहीं, उनका पक्ष भी नहीं सुना गया है। अतिक्रमण हटाने को लेकर अखबार में नाम आने के बाद वादी सहित सात अन्य लोगों ने जमीन से संबंधित दस्तावेज नगड़ी सीओ के यहां जमा किया था।
लेकिन वहां पर उनका पक्ष नहीं सुना गया और अब अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। इस पर अदालत ने कहा कि अतिक्रमण हटाने से पहले एक्ट के अनुसार वादियों की पूरी सुनवाई होनी चाहिए थी। उसके बाद ही जिला प्रशासन को अतिक्रमण हटाना चाहिए था।
इसके बाद अदालत ने सात लोगों के खिलाफ अतिक्रमण हटाने पर रोक लगा दी है। मामले में अगली सुनवाई सोमवार को निर्धारित की गई है। अदालत का उक्त आदेश विनय कुमार सहित सात लोगों के मामले में ही लागू होगा।