रांचीः झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस एके चौधरी की अदालत में ज्रेडा के पूर्व निदेशक निरंजन कुमार की ओर से दाखिल क्रिमिनल क्वैसिंग याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने इस मामले मे राज्य सरकार से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।
निरंजन कुमार ने हाई कोर्ट में में क्वैसिंग याचिका दाखिल कर प्राथमिकी को रद करने की मांग की है।
नियमों को ताक पर रखकर नौकरी करने और 170 करोड़ रुपये से अधिक की राशि का भुगतान करने के मामलों ज्रेडा के निदेशक निरंजन कुमार पर एसीबी ने मामला दर्ज किया है।
इसे भी पढ़ेंः नौकरी से निकाले गए 42 दारोगा को बहाल करने के आदेश का पालन नहीं होने पर हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी
सीएम हेमंत सोरेन के आदेश पर एसीबी में 21 दिसंबर 2020 को इनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। आरोप है कि निरंजन कुमार पर 1990 बैच के भारतीय डाक-तार लेखा एवं वित्त सेवा के अधिकारी हैं। वे 03 सितंबर 2016 को प्रतिनियुक्ति के आधार पर झारखंड में योगदान दिए थे।
निरंजन कुमार पर झारखंड ऊर्जा संचरण निगम लिमिटेड (जेयूएसएनएल) व ज्रेडा के निदेशक पद रहने के दौरान करीब 170 करोड़ रुपये का घोटाले का आरोप है।