रांची। झारखंड हाईकोर्ट में सरायकेला- खरसांवा में नवनिर्मित नेत्रहीन व मूक बधिर विद्यालय को सीआरपीएफ के कब्जे से मुक्त कराने को लेकर जनहित याचिका दाखिल की गई है। प्रार्थी अरूण कुमार सिंह की ओर से अधिवक्ता अनूप अग्रवाल ने उक्त याचिका हाईकोर्ट में दाखिल की है। याचिका में कहा गया है सरायकेला-खरसांवा जिले के गम्हरिया प्रखंड के दुगनी गांव में महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग की ओर से नेत्रहीन व मूक बधिर विद्यालय का निर्माण कराया था।
लेकिन इस विद्यालय को संचालित करने के लिए वहां शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की गई। इसके बाद इस भवन को सरायकेला- खरसांवा के उपायुक्त के आदेश से सितंबर 2010 को सीआरपीएफ 196 बटालियन को अस्थाई तौर पर रहने के लिए दे दिया गया था। अभी तक इस भवन पर सीआरपीएफ कब्जा है। जबकि वर्ष 2018 में तत्कालीन मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक में कहा था कि जबतक इस तरह के स्कूल में स्थाई शिक्षकों की नियुक्ति नहीं होती है तब तक अनुबंध पर शिक्षकों की बहाली कर स्कूल को शुरू किया जाए। प्रार्थी ने नेत्रहीन व मूक बधिर विद्यालय को सीआरपीएफ के कब्जे से मुक्त कराने और पढाई शुरू कराने का आग्रह अदालत से किया गया है।
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