Ranchi/JPSC: जेपीएससी नियुक्ति के प्रथम एवं द्वितीय घोटाले में हाईकोर्ट ने सीबीआई से मांगी स्टेट रिपोर्ट
Ranchi/JPSC : झारखंड हाईकोर्ट में बुधवार को प्रथम एवं द्वितीय जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की सीबीआई जांच कराने वाली बुद्धदेव उरांव की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। मामले में हाई कोर्ट की खंडपीठ ने सीबीआई को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए 3 सप्ताह का समय दिया। अगली सुनवाई 15 जनवरी को होगी। खंडपीठ ने सीबीआई को जेपीएससी प्रथम एवं द्वितीय गड़बड़ी से संबंधित केस नंबर RC 5/2012 एवं RC 6/2012 का स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। जेपीएससी प्रथम परीक्षा गड़बड़ी मामले में 4 मई को सीबीआई ने केस नंबर RC 5/2012 में सीबीआई की विशेष अदालत में आरोप चार्जशीट दाखिल की है। इसमें सीबीआई ने जेपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष डॉ. दिलीप प्रसाद, वरीय सदस्य गोपाल प्रसाद, सदस्य राधा गोविंद नागेश, सदस्य शांति देवी, परीक्षा नियंत्रक एलिस उषा रानी सिंह समेत 37 लोगो को आरोपी बनाया था।
इनके अलावा अपर समाहर्ता रैंक के अधिकारी सीमा सिंह, सुषमा नीलम सोरेन, कुंवर सिंह पाहन, ज्योति कुमारी झा, अलका कुमारी, मोहनलाल मरांडी, राम नारायण सिंह, सुदर्शन मुर्मू, जेम्स सुरीन, जितेंद्र मुंडा, पूनम कच्छप, राजीव कुमार, संजीव कुमार, अनंत कुमार, परमेश्वर मुंडा, संतोष कुमार गर्ग, कमलेश्वर नारायण एवं विजय वर्मा को आरोपी बनाया है। वही सीबीआई ने बीते दिनों जेपीएससी द्वितीय परीक्षा गड़बड़ी मामले में केस नंबर RC 6/2012 में जेपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष डॉ. दिलीप प्रसाद समेत 70 आरोपियों के खिलाफ सीबीआई की विशेष अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी है। झारखंड में प्रथम और द्वितीय जेपीएससी परीक्षा में गड़बड़ी की जांच का आदेश झारखंड हाईकोर्ट ने साल 2012 में सीबीआई को दिया था। 12 साल से अधिक समय तक सीबीआई ने की मामले की अनुसंधान पूरी कर दोनों मामलों में चार्जशीट दाखिल की है।
दरअसल, बुद्धदेव उरांव ने जेपीएससी प्रथम एवं द्वितीय की परीक्षा में अंको की हेरा फेरी एवं एवं रिजल्ट प्रकाशन में गड़बड़ी की जांच सीबीआई से कराने का आग्रह किया है। बता दें कि पहले राज्य सरकार द्वारा ली गई प्रथम एवं द्वितीय जेपीएससी जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में गड़बड़ी की जांच निगरानी ब्यूरो कर रही थी, बाद में हाईकोर्ट के आदेश पर इसकी जांच सीबीआई को दे दिया गया था।