Ranchi: झारखंड हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव व जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने राज्य में गैर मजरुआ खास जमीन की खरीद-बिक्री के निबंधन से रोक हटा दी है। यह फैसला हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह दिया है। हाइकोर्ट ने राजस्व, निबंधन व भूमि सुधार विभाग के उस अधिसूचना (1132/26.8.2015) को निरस्त कर दिया है, जिसमें गैर मजरुआ खास जमीन के निबंधन पर रोक लगायी गयी थी।.विभाग के इस अधिसूचना से राज्य भर के वैसे रैयत परेशान थे, जिनकी जमीन गैर मजरुआ खास खाते की है। इतना ही नहीं कोर्ट ने यह भी कहा है कि इस अधिसूचना के अनुसार, सब रजिस्ट्रार या निबंधन विभाग के अधिकारियों द्वारा पारित
सभी आदेश निरस्त माने जायेंगे। राजस्व विभाग के तत्कालीन सचिव कमलकिशोर सोन ने 26 अगस्त, 2015 को अधिसूचना जारी कर आदेश दिया था कि हस्तांतरण विलेख का निबंधन निबंधन अधिनियम 1908 की उपयुक्त धारा 22 ‘क’ के अधीन लोकनीति के विरुद्ध है। इस आदेश के बाद झारखंड में केसरे हिंद भूमि, गैर मजरुआ आम भूमि, वनभूमि, जंगल समेत अन्य विभागों के लिए अर्जित सरकारी भूमि के साथ-साथ गैर मजरुआ खास जमीन की खरीद-बिक्री पर रोक लगा दी गयी थी। आदेश के खिलाफ कई लोगों ने हाइकोर्ट में याचिका दायर कर दी थी।