Ranchi: झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि कोर्ट के 11 अगस्त 2023 के आदेश का अनुपालन करें अन्यथा निदेशक, माध्यमिक स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग (डीओएसईएल) को अगली सुनवाई 7 फरवरी को कोर्ट में सशरीर उपस्थित हो। राज्य सरकार के विभिन्न स्कूलों में वोकेशनल इंस्ट्रक्टर पद पर बहाल हुए हुए कर्मियों के ग्रेड पे से संबंधित अवमानना याचिका की सुनवाई हाईकोर्ट में हु। सुनवाई के दौरान उक्त आदेश दिया। कोर्ट ने निर्देशक माध्यमिक शिक्षा को यह बताने को कहा गया है कि कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं करने पर क्यों नहीं अवमानना के तहत उनके खिलाफ आरोप गठित किया जाए। दरअसल, वर्ष 1993 में प्रार्थियों सुजीत कुमार एवं अन्य ने राज्य सरकार के विभिन्न स्कूलों में वोकेशनल एजुकेशन इंस्ट्रक्टर के पद पर नियुक्ति पाई थी। बाद में केंद्र सरकार के एक अधिसूचना के तहत उनका ग्रेड पे 4800 रुपए कर दिया गया था।
केंद्र सरकार की इस अधिसूचना में यह कहा गया था कि अगर वह (इंस्ट्रक्टर) आहर्ता रखते हैं तो शिक्षकों के समान ही उनका भी ग्रेड पे होगा। लेकिन सरकार द्वारा उनका ग्रेड पे घटा कर फिर से 4200 रुपए कर दिया गया था। मामला कोर्ट में पहुंचने पर कोर्ट ने प्रार्थियों के पक्ष में फैसला सुनाया था, जिसके खिलाफ राज्य सरकार ने हाई कोर्ट में अपील (एलपीए) दाखिल की थी लेकिन राज्य सरकार की अपील हाई कोर्ट से खारिज हो गई थी। अवमानना याचिका में प्रार्थियों ने कोर्ट के 11 अगस्त 2023 के आदेश का अनुपालन करने का निर्देश देने का आग्रह किया था। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा गया था कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की गई है, जो अभी लंबित है। जिस पर कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट की एकल पीठ एवं खंडपीठ दोनों जगह प्रार्थियों के पक्ष में फैसला आया है, इसलिए कोर्ट के आदेश का अनुपालन किया जाए। अन्यथा माध्यमिक शिक्षा निदेशक कोर्ट में सशरीर उपस्थित हो।