दिल्ली हाईकोर्ट ने योग गुरु रामदेव को कोविड-19 के इलाज के लिए कोरोनिल के इस्तेमाल से संबंधित कुछ आपत्तिजनक सोशल मीडिया पोस्ट हटाने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी की पीठ ने कहा कि वह रामदेव के खिलाफ चिकित्सकों के कई संघों द्वारा दायर याचिका को स्वीकार कर रहे हैं। न्यायमूर्ति ने कहा, प्रतिवादी को तीन दिनों में आपत्तिजनक ट्वीट हटाने के निर्देश दिए जाते हैं। पीठ ने कहा कि अगर निर्देश का पालन नहीं किया जाता है, तो सोशल मीडिया मंच एक्स इस सामग्री को हटा देगा।
यह याचिका रामदेव उनके सहयोगी आचार्य बालकृष्ण और पतंजलि आयुर्वेद के खिलाफ चिकित्सक संघों द्वारा दायर 2021 के मुकदमे का एक हिस्सा है। न्यायमूर्ति भंभानी ने 21 मई को इस मुद्दे पर आदेश सुरक्षित रख लिया था। रामदेव ने अप्रमाणित दावे करते हुए कोरोनिल को कोविड-19 की दवा बताया था, जबकि इसे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की दवा के तौर पर लाइसेंस दिया गया था।
आदेश की अवहेलना पर पतंजलि पर चार करोड़ जुर्माना
पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड पर ट्रेडमार्क उल्लंघन मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को अदालत के आदेश की अवहेलना पर चार करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया। पतंजलि को दो करोड़ रुपये दो सप्ताह के भीतर जमा करना होगा। इसमें वे 50 लाख रुपये भी शामिल हैं जिसमें अदालत ने पिछले महीने जमा करने का आदेश दिया था। न्यायमूर्ति आरआई चागला ने मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि पतंजलि ने जानबूझकर अदालत के अंतरिम आदेश की अवहेलना की। पीठ ने कहा़ कि उसके मन में कोई संदेह नहीं है कि पतंजलि का इरादा अदालत के आदेश का उल्लंघन करने का था। मालूम हो कि मंगलम ऑर्गेनिक्स ने अदालत में केस दर्ज कर बताया था कि जो कपूर पतंजलि बेच रहा है उसमें कॉपी राइट का उल्लंघन है।
कंपनी ने उत्पाद की बिक्री पर रोक लगाने की मांग की थी। अदालत ने अगस्त 2023 में पतंजलि को कपूर उत्पादों की बिक्री और उसका प्रचार बंद करने का आदेश दिया था, जिसका पालन पतंजलि ने नहीं किया। इसके बाद मंगलम ऑर्गेनिक्स ने पतंजलि के खिलाफ अदालत की अवमानना का केस दर्ज किया था।
पतंजलि के निदेशक ने कोर्ट से मांगी माफी
नई दिल्ली। अदालत ने पतंजलि के निदेशक रजनीश मिश्रा द्वारा जून 2024 के हलफनामे का संज्ञान भी लिया। इसमें उन्होंने बिना शर्त माफी मांगी और अदालत के आदेशों का पालन करने का आश्वासन दिया। हलफनामें में ये बताया कि 49,57,861 रुपये के कपूर उत्पादों की आपूर्ति अदालत के आदेश से पहले ही हो गई थी