Ranchi: लोडेड पिस्तौल के साथ जिस पुलिस टीम आरोपी को गिरफ्तार किया था। वही पुलिस टीम अदालत में आरोपी के आरोप को साबित करने नहीं पहुंची। आरोपी राज कुमार साहू को पुंदाग ओपी के तत्कालीन प्रभारी विवेक कुमार ने गुप्त सूचना के आधार पर 27 जनवरी 2023 को दीपा टोली मोती रेसिडेन्सी, पुन्दाग के पास गिरफ्तार किया था। जांच पूरी करते हुए आईओ बुद्धिलाल मुर्मू ने छह पुलिस गवाहों पुंदाग ओपी प्रभारी विवेक कुमार, स्वय अनुसंधान पदाधिकारी , एएसआई धनंजय कुमार राय, आरक्षी पीटर ओडिया, सुदेश्वर सिंह, रमेंड तिर्की के साथ दो स्वतंत्र गवाह के साथ चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें से सिर्फ एक गवाह पहुंचा। लेकिन वह भी घटना को साबित नहीं कर सका।
अभियोजन पक्ष को केस साबित करने के लिए अदालत ने पर्याप्त समय दिया। बावजूद सिर्फ दो साल पुराने मामले में विवेक कुमार को छोड़ अन्य गवाह नहीं पहुंचा। सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के वकील ने अपने तर्क में कहा कि अभियोजन पक्ष द्वारा किसी स्वतंत्र गवाह से पूछताछ नहीं की गई और यहां तक कि जब्त की गई सामग्री भी अदालत के समक्ष पेश नहीं की गई है। अभियोजन पक्ष का मामला पूरी तरह से निराधार है। जिसका लाभ आरोपी को मिला। रांची सिविल कोर्ट के अपर न्यायायुक्त 17 की अदालत ने आरोपी को सबूत के अभाव में बरी कर दिया।
क्या था मामला:
पुंदाग ओपी प्रभारी विवेक कुमार ने आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद जगन्नाथपुर थाना में 27 जनवरी 2023 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी। जिसमें कहा गया कि आरोपी दीपाटोली कटहल मोड़ निवासी राज कुमार साहू किसी की जान मारने के उद्देश्य से पिस्टल लेकर घुम रहा था। गुप्त सूचना के आधार पर उसे गिरफ्तार किया गया। तलाशी के दौरान एक देशी पिस्तौल मैगजीन में एक 7.65 का गोली लोडेड बरामद हुआ। जिसके आधार पर उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।