हाईकोर्ट ने शराब पीकर अदालत की कार्रवाई में पहुंचे वकील को अवमानना का दोषी करार दिया। अदालत ने कहा कि वकील की ओर से इस्तेमाल की गई भाषा ने वास्तव में अदालत को बदनाम किया है और इस तरह के आचरण से न्याय प्रशासन में हस्तक्षेप भी होता है। दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति प्रतिबा एम. सिंह और जस्टिस अमित शर्मा की पीठ एक स्वत: संज्ञान लेकर शुरू की गई अवमानना याचिका की सुनवाई कर रही थी। रिकॉर्ड के अनुसार वर्ष 2015 में कड़कड़डूमा कोर्ट परिसर में ट्रायल कोर्ट द्वारा वाहन के मालिक और चालक को नोटिस जारी किया गया था।
इस संबंध में दोनों ने अपने वकील के साथ अदालत का दरवाजा खटखटाया। बाद में वकील के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की गई। रिकॉर्ड के अनुसार वकील ने कोर्ट में इस हद तक चिल्ला-चिल्ला कर उपद्रव मचाना शुरू कर दिया कि आदेश लिखना असंभव हो गया और कोर्ट का काम बंद करना पड़ा। वकील नशे में था। ट्रायल कोर्ट ने वकील को दोषी ठहराया और 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया।