राज्य में अफीम (Drugs) की खेती में रही लगातार बढ़ोतरी मामले में स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर मंगलवार को जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद व जस्टिस एके राय की खंडपीठ में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान कोर्ट मित्र वैभव कुमार ने बताया कि राज्य में दुकानों के खुलने और बंद करने का समय लागू किया जाना चाहिए।
उन्होंने इस बात का उठाया की कुछ दुकानें रात 12:00 तक खुली रहती है। पता नहीं इतनी रात तक कौन दुकान में और क्या लेने के लिए आता है। कहा गया कि झारखंड एस्टेब्लिशमेंट दुकान प्रतिष्ठान रेगुलेटरी अधिनियम के तहत दुकान की जो समय निर्धारित की गई है। उसके अनुसार ही दुकान को खोलने और बंद करना निर्धारित किया जाए।
वही मामले के सुनवाई के दौरान झालसा की ओर से अधिवक्ता अतनु बनर्जी ने अदालत को बताया कि नशे से मुक्ति दिलाने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए। ताकि लोगों को इससे होने वाले नुकसान के बारे में पता चले और लोग उससे दूरी बनाएं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को शक्ति से कानून का अनुपालन करवाना चाहिए। ताकि लोगों में इसके प्रति डर की भावना पैदा हो।
मामले की अगली सुनवाई ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद 11 जून को होगी। पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने झालसा को प्रतिवादी बनाते हुए अपना सुझाव रखने का निर्देश दिया था। मामले की सुनवाई के दौरान बताया गया की बिक्री पर रोक लगाने के लिए सभी तरह के कदम उठाए जा रहे हैं। अदालत ने इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि इसके बावजूद भी बिक्री रुक नहीं पा रही है। अदालत ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और राज्य सरकार को जवाब दायर करने को कहा है। राज्य सरकार को एसओपी बनाने को कहा गया है। राज्य सरकार नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के साथ मिलकर काम ऐसा एसओपी बनाए कि इस पर पूरी तरह से रोक लगाई जा सके।