Liquor Scam News: शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार योगेंद्र तिवारी से ईडी आठ दिनों तक रिमांड पर पूछताछ करेगी। ईडी कोर्ट ने इसकी अनुमति प्रदान कर दी है। इससे पहले योगेंद्र तिवारी को ईडी कोर्ट में पेश किया गया। जहां पर ईडी ने योगेंद्र तिवारी को 14 दिनों की रिमांड पर लेने की अनुमित मांगी थी।
सुनवाई के बाद अदालत ने आठ दिन की रिमांड पर पूछताछ के लिए अनुमति प्रदान की है। इसके बाद उन्हें हिरासत में लेते हुए बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार भेज दिया गया। ईडी योगेंद्र तिवारी को शनिवार से रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी।
ईडी झारखंड में शराब घोटाले में मनी लांड्रिंग जांच कर रही है। ईडी ने शराब माफिया योगेंद्र तिवारी को गुरुवार की शाम को गिरफ्तार कर लिया है। योगेंद्र देवघर का रहने वाला है। शराब घोटाले में झारखंड में ईडी की यह पहली गिरफ्तारी है।
योगेंद्र तिवारी पर आरोप है कि उसने पूर्व की सरकार से लेकर अब तक शराब के धंधे में करोड़ों की संपत्ति अर्जित की। उसने नेताओं व नौकरशाहों के काले धन का भी निवेश किया। शेल कंपनियों में भी काले धन खपाए।
ईडी को उससे व उसके भाई अमरेंद्र तिवारी के अलावा देवघर के मुन्नम संजय से भी पूछताछ में इससे संबंधित कई ठोस सबूत मिले, जिसके आधार पर ईडी ने उसे गिरफ्तार किया है। योगेंद्र तिवारी का रांची के हरमू हाउसिंग कालोनी के डी-2 में मेसर्स संथाल परगना बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी है।
इसके अलावा देवघर में होटल सिद्धार्थ के सामने उसका गोदाम व बोम्पास टाउन में डा. राजीव पांडेय के अस्पताल के पास उसका आवास है। योगेंद्र तिवारी के भाई अमरेंद्र तिवारी का धनबाद के बेकारबांध में कौशिकी राधिका रीजेंसी अपार्टमेंट झारूडीह में फ्लैट नंबर 402 व जामताड़ा के स्टेशन रोड मिहिजाम में एसबीआइ बिल्डिंग की दूसरी मंजिल पर आवास भी है।
योगेंद्र तिवारी को गिरफ्तार होने की थी आशंका
अवैध खनन मामले में ईडी ने नेताओं व नौकरशाहों के करीबी प्रेम प्रकाश को गिरफ्तार किया था। प्रेम प्रकाश के ठिकाने पर ईडी ने छापेमारी की थी तो वहां से शराब के सिंडिकेट से संबंधित भारी मात्रा में दस्तावेज हाथ लगे थे। ईडी को पता चल गया था कि प्रेम प्रकाश ने योगेंद्र तिवारी के साथ मिलकर शराब के धंधे में बड़ा घाेटाला किया था।
दोनों ने मिलकर झारखंड के नेताओं व नौकरशाहों के काले धन को सफेद किया है। अधिकारियों-नेताओं की मिलीभगत से फर्जी कंपनी पर शराब का ठेका लिया। उनके काले धन को जमीन, बालू व शेल कंपनियों में निवेश किया। वर्ष 2020 में योगेंद्र तिवारी के करीबियों की शराब दुकानों में स्टाक में भी गड़बड़ी मिली थी। तब कई गिरफ्तार भी हुए थे।
योगेंद्र तिवारी पर दर्ज प्राथमिकी के आधार पर ही ईडी ने जांच शुरू की थी। ईडी ने जब प्रेम प्रकाश को गिरफ्तार किया था, उसके बाद से ही योगेंद्र तिवारी ने ईडी की जासूसी करानी शुरू करा दी थी कि कहीं उस तक ईडी तो नहीं पहुंच रही। ईडी की छानबीन में इसका भी खुलासा हो चुका है।
वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव सहित 36 ठिकानों पर हुई थी छापेमारी
शराब घोटाले में ईडी ने 23 अगस्त को झारखंड के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव के आवास सहित कुल 36 ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस छापेमारी में रामेश्वर उरांव के बेटे रोहित उरांव के ठिकाने से ईडी को 30 लाख रुपये नकदी मिले थे। उस वक्त योगेंद्र तिवारी के ठिकानों से भी भारी मात्रा में दस्तावेज मिले थे।
ईडी को पता चला था कि वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव के बेटे रोहित उरांव का राज्य के शराब कारोबार में बड़ा निवेश था। पूर्व में 21 मार्च की आयकर विभाग की छापेमारी में यह खुलासा हुआ था कि शराब कारोबारी योगेंद्र तिवारी ने करीब 15 करोड़ से अधिक की अघोषित संपत्ति अर्जित की है।
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