Ranchi: Conspiracy to topple the government झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस एके चौधरी की अदालत में हेमंत सोरेन सरकार गिराने की साजिश के आरोपी अशोक अग्रवाल की अग्रिम जमानत पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने अशोक अग्रवाल को एक लाख रुपये जमा करने की शर्त पर अग्रिम जमानत की सुविधा प्रदान की है।
निचली अदालत से अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद अशोक अग्रवाल की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। सुनवाई के दौरान वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार ने अदालत को बताया कि प्राथमिकी के अनुसार अशोक अग्रवाल पर रवि केजरीवाल के साथ विधायक रामदास सोरेन के घर जाने का आरोप है।
इसे भी पढ़ेंः 7th JPSC Exam: ओएमआर शीट पर अब केंद्र निरीक्षक के हस्ताक्षर की जरूरत नहीं, हाईकोर्ट में बोली जेपीएससी
रवि केजरीवाल को झामुमो से पहले ही निष्कासित कर दिया गया है। सबक सिखाने की नियत से ऐसा आरोप लगाना प्रतीत होता है। प्राथमिकी के अनुसार संविधान की दसवीं अनुसूची के प्रविधानों के मुताबिक इस तरह का आरोप का कोई आधार नहीं बनता है क्योंकि जब कोई व्यक्ति अपनी पार्टी को छोड़ देता है तो उसकी सदस्यता समाप्त हो जाती है।
पार्टी छोड़कर एवं दूसरी पार्टी बनाकर विरोधी दल का सहयोग करने की बात संभव प्रतीत नहीं होती है। इसके अलावा प्राथमिकी में न तो समय दिया गया है और न ही सरकार गिराने की कोशिश के बारे में पूरी जानकारी दी गई है। इससे प्रतीत होता है कि पूरा मामला झूठा है और वादी को परेशान करने के उद्देश्य से ऐसा किया गया है। इस दौरान सरकार की ओर से अग्रिम जमानत का विरोध किया गया। अदालत ने प्रार्थी को एक लाख रुपये जमा करने की शर्त पर अग्रिम जमानत प्रदान कर दी।