Lucknow: Gang Rape Case सपा सरकार में खनन मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति सहित तीन आरोपियों को एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पवन कुमार राय ने सामूहिक दुष्कर्म एवं पास्को एक्ट के तहत दोषी करार दिया है। अदालत चित्रकूट की महिला से गैंगरेप मामले में सजा के बिंदु पर शुक्रवार को फैसला सुनाएगी। दोषी करार दिए जाने वालों में पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति, अशोक तिवारी, आशीष शुक्ला शामिल हैं।
अदालत ने इस मामले में विकास वर्मा, रूपेश्वर, अमरेंद्र सिंह पिंटू और चंद्रपाल बरी किए गए। चित्रकूट जिले की रहने वाली एक महिला ने तत्कालीन सपा सरकार के कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति तथा उनके कई साथियों पर गैंगरेप और बेटी के साथ ही दुष्कर्म के प्रयास का आरोप लगाया था। आरोप है कि खनन का कार्य और नौकरी दिलाने के लिए आरोपियों ने महिला को लखनऊ बुलाया और अलग-अलग स्थानों पर उसके साथ दुराचार किया गया।
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महिला का आरोप है कि उसके द्वारा घटना की विस्तृत रिपोर्ट पुलिस महानिदेशक से भी की गई थी लेकिन कोई कार्यवाही न होने पर उसकी ओर सुप्रीम कोर्ट के समक्ष विशेष अनुमति याचिका दाखिल की गई थी। जिस पर सुनवाई के बाद रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश हुआ था।
18 फरवरी 2017 को लखनऊ के गौतमपल्ली थाने में गायत्री प्रजापति समेत अन्य 6 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। इसके बाद सभी अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। इन सभी के खिलाफ गैंगरेप, जानमाल की धमकी और पॉक्सो एक्ट की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।
इस मामले में पूर्व कैबिनेट मंत्री के अलावा विकास वर्मा, अमरेंद्र सिंह, चंद्रपाल, रूपेश्वर, आशीष शुक्ल और अशोक तिवारी आरोपी बनाए गए हैं। इस मामले में कुल 17 अभियोजन गवाह पेश किए जा चुके हैं। गायत्री प्रजापति ने अमेठी से सपा के विधायक बने और उन्हें मंत्री बनाया गया।