Ranchi: Jharkhand High Court झारखंड हाईकोर्ट ने भाजपा के पूर्व विधायक संजीव सिंह (EX MLA Sanjeev Singh) के दुमका जेल से धनबाद जेल (Dhanbad Jail) वापस लाने के निचली अदालत के आदेश के अनुपालन की मांग वाले मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है। इस मामले में निचली अदालत के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार ने भी याचिका दाखिल की थी।
जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में दोनों याचिकाओं पर सुनवाई हुई। दोनों पक्षों की ओर से बहस पूरी होने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। संजीव सिंह की ओर से अधिवक्ता चंचल जैन ने पक्ष रखा।
सुनवाई के दौरान चंचल चैन ने कहा कि विचाराधीन कैदी को किसी दूसरी जेल में भेजने से पहले संबंधित निचली अदालत से अनुमति लेना अनिवार्य है। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट ने भी अपने आदेश में कहा है।
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लेकिन इस मामले में बिना निचली अदालत के अनुमति के ही संजीव सिंह को धनबाद जेल से दुमका जेल भेज दिया गया। इस पर सरकार की ओर कहा गया कि विचाराधीन कैदी को दूसरी जेल में भेजने के लिए पूर्व में ही कोर्ट से अनुमति की जरूरी नहीं है।
इसके लिए बाद में निचली अदालत से अनुमति प्राप्त की जा सकती है। इस पर चंचल जैन ने कहा कि संजीव सिंह को दुमका भेजने के बाद सरकार की ओर से निचली अदालत से अनुमति मांगी गई, लेकिन कोर्ट ने उनके आवेदन खारिज कर संजीव सिंह को वापस धनबाद जेल लाने का आदेश दिया।
इसके बाद भी संजीव सिंह को दुमका जेल में ही रखा गया है। निचली अदालत के आदेश का अनुपालन नहीं करना अवमानना है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। इस मामले में संजीव सिंह व सरकार दोनों याचिका दाखिल की है।