रांची। अलकतरा घोटला मामले में सजायाफ्ता संयुक्त बिहार के पूर्व मंत्री इलियास हुसैन को दो महीन की पेरोल तो मिल गई है, लेकिन अलकतरा घोटाले से जुड़े एक अन्य मामले में सजा मिलने के कारण अभी तक जेल से बाहर नहीं निकल पाए हैं। झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस एके चौधरी की अदालत में सजायाफ्ता पूर्व मंत्री इलियास हुसैन की अपील पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान इलियास हुसैन की ओर से उनकी पत्नी के इंतेकाल का हवाला देते हुए प्रोविजनल बेल देने के गुहार लगाई गई।
इस पर अदालत ने कहा कि इसके लिए उन्हें अदालत में प्रोविजनल बेल की मांग करते हुए आइए याचिका दाखिल करनी होगी, क्योंकि कोर्ट में कोई ऐसा आवेदन नहीं दिया गया है। अगर आइए नहीं दाखिल करते हैं, तो फिर अपील पर अंतिम बहस सुनी जाएगी। इस पर प्रार्थी की ओर से समय दिए जाने की मांग की गई जिसे अदालत ने स्वीकार करते हुए मामले में 29 सितंबर की तिथि निर्धारित की है। सुनवाई के दौरान इलियास हुसैन के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि दस सितंबर को उनकी पत्नी का इंतेकाल हो गया है।
अलकतरा घोटाले से जुड़े एक अन्य मामले में हाई कोर्ट से उन्हें पैरोल मिल गई है। ऐसे में इस मामले में भी उन्हें जमानत की सुविधा प्रदान की जाए ताकि वे पत्नी के अंतिम संस्कार में शामिल हो सके। इस पर अदालत ने कहा कि उनकी याचिका में इससे संबंधित कोई मांग नहीं की गई है। इसलिए प्रोविजनल बेल के लिए उन्हें अदालत में आइए याचिका दाखिल करनी होगी। इस पर प्रार्थी की आइए दाखिल करने की बात कहते हुए अदालत से समय मांगा गया। गौरतलब है इस मामले में सीबीआइ की अदालत में सितंबर 2018 में इलियास हुसैन को चार साल की सजा सुनाई है। इस मामले में सरकार को 18 लाख रुपये के राजस्व के नुकसान का आरोप है।
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