Ranchi: हजारीबाग में ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार को लेकर दायर जनहित याचिका पर गुरुवार को झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने अदालत को बताया कि ट्रैफिक व्यवस्था सुचारु रखने के लिए 219 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है और सुधार के लिए अन्य कदम भी उठाए जा रहे हैं। हालांकि, याचिकाकर्ता अच्युत स्वरूप मिश्रा की ओर से इस पर आपत्ति जताई गई। उन्होंने कहा कि ट्रैफिक पुलिस के स्थान पर होमगार्डों को लगाया गया है, जिनके पास न तो प्रशिक्षण है और न ही आधुनिक उपकरण। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार सिर्फ दिखावा कर रही है और ट्रैफिक लाइट लगाने की कोई स्पष्ट योजना नहीं बताई गई है।
इस पर मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव और न्यायमूर्ति राजेश शंकर की खंडपीठ ने सरकार से पूछा कि अब तक ट्रैफिक व्यवस्था में कौन-कौन से सुधारात्मक कदम उठाए गए हैं, इसकी विस्तृत जानकारी अगली सुनवाई से पहले प्रस्तुत की जाए।ज्ञात हो कि याचिका में कहा गया है कि हजारीबाग में ट्रैफिक लाइट की व्यवस्था नहीं, सड़क किनारे अवैध दुकानें हैं, और लगभग सभी चौराहों पर जाम की स्थिति बनी रहती है। अदालत ने पिछली सुनवाई में राज्य सरकार और नगर निगम को स्थिति सुधारने के निर्देश दिए थे। मामले की अगली सुनवाई नवंबर में होगी।