डायन कुप्रथाः हाईकोर्ट ने कहा- बदलनी होगी लोगों की मानसिकता, सरकार चलाए जागरूकता अभियान

Ranchi: झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डा रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ में गुमला में डायन-बिसाही के नाम पर हुई पांच लोगों की हत्या के मामले में सुनवाई हुई। अदालत ने इस राज्य सरकार से पूछा है कि क्या डायन कुप्रथा के खिलाफ जागरूकता के लिए इसे स्कूली बच्चों पाठ्यक्रम में शामिल किया जा सकता है। अदालत ने इस पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है।

अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि जब उन्हें इस घटना की जानकारी मिली थी, तो वे रातभर सो नहीं पाए थे। इस घटना ने उन्हें अंदर तक झकझोर दिया कि आखिर हम किस युग में जी रहे हैं। लोगों की मानसिकता बदलनी होगी और सरकार को जागरूकता अभियान चलाना होगा। इसलिए झालसा को सभी जगहों पर लीगल क्लीनिक, लीगल कैडेट कॉर्प्स बनाने का निर्देश दिया है।

इसे भी पढ़ेंः हाई कोर्ट ने कहा- आदेश के बाद भी जलस्रोतों से क्यों नहीं हट रहा अतिक्रमण

यहां मिली जानकारी को बच्चे अपने घर में साझा करेंगे। सरकार ने बताया कि डायन कुप्रथा जैसी को समाप्त करने के लिए सरकार की ओर से कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। अदालत ने पूछा कि इस घटना में बची पांच साल की बच्ची के कल्याण के लिए सरकार क्या कर रही है। सरकार ने कहा कि पीड़ित परिवार की संपत्ति और बच्ची की सुरक्षा की जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन दी गई है।

बच्ची के पढ़ाई के लिए उसे कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में रखने की योजना बनाई गई है। इस कुप्रथा से प्रभावित छह जिलों में तेजस्विनी क्लब बनाने की योजना है। इसमें बच्चियां सदस्य होंगी, जो गांव वालों को इस कुप्रथा के खिलाफ जागरूक करेंगी। इसमें सखी मंडल का भी सहयोग लिया जाएगा। ताकि उनके जरिए पूरे गांव को जागरूक किया जा सके।

Rate this post
Share it:

Leave a Comment