Widening of NH-31: हाईकोर्ट में बोले वन सचिव, वन्य जीव बोर्ड का हो गया गठन

Ranchi: Widening of NH-31 झारखंड हाईकोर्ट में कोडरमा-रजौली एनएच-31 के मामले में वन्य जीव बोर्ड का गठन नहीं होने पर राज्य के वन एवं पर्यावरम सचिव कोर्ट में हाजिर हुए। इस दौरान उन्होंने कोर्ट को बताया कि वन्य जीव बोर्ड का गठन कर दिया गया है। चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत एनएच-31 की हालत खराब होने पर स्वतः संज्ञान से दर्ज मामले की सुनवाई कर रही है।

वन सचिव के जवाब के बाद अदालत ने कहा कि यह एनएच कई जंगलों से गुजर रहा है ऐसे में वन्य जीवों के लिए कॉरिडोर की जगह चिह्नित किया जाए। जहां पर एक ओवरब्रिज बनाया जा सके। इसलिए अब वन्य जीव बोर्ड जल्द से जल्द बैठक कर चौड़ीकरण के लिए वाइल्ड लाइफ क्लीयरेंस दें।

इस दौरान बिहार सरकार ने बताया कि वाइल्ड लाइफ क्लीयरेंस देने के लिए 28 दिसंबर को बोर्ड की बैठक होनी है। इसपर झारखंड सरकार की ओर से भी जल्द ही बैठक कर वाइल्ड लाइफ क्लीयरेंस देने की बात कही गई। इसके बाद अदालत ने इस मामले में दो सप्ताह बाद सुनवाई की तिथि निर्धारित की है।

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17 दिसंबर को सुनवाई के दौरान अदालत ने डीएफओ की ओर से दाखिल शपथ पत्र को खारिज करते हुए वन एवं पर्यावरण के सचिव को अगली सुनवाई के दौरान कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया था। इसी आदेश पर वन्य सचिव कोर्ट में हाजिर हुए थे।

इस सुनवाई के दौरान एनएचएआइ का कहना था कि सड़क चौड़ीकरण के लिए झारखंड सरकार की वाइल्ड लाइफ बोर्ड ने स्वीकृति नहीं दी है, जबकि पिछली सुनवाई के दौरान सभी तरह की प्रक्रियाओं को पूरा करने की बात कही गई थी। अदालत ने सरकार से पूछा कि ऐसा क्यों किया गया है।

अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि यह दुर्भाग्य की बात है कि राज्य सरकार को यहां के वन्य जीवों की चिंता नहीं है। सरकार के अधिकारियों को बिहार सरकार के सीखना चाहिए। कोर्ट के आदेश को बिहार सरकार ने गंभीरता से लेते हुए इस मामले को मुख्यमंत्री के यहां भेज दिया है। जबकि यहां पर बोर्ड में पद रिक्त है, जिसे अभी तक भरा नहीं गया है।

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