कोरोना की तीसरी लहरः हाईकोर्ट ने पूछा- इससे निपटने के लिए सरकार कितनी तैयार

Ranchi: कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए राज्य सरकार की ओर से की जा रही तैयारियों पर झारखंड हाईकोर्ट ने रिपोर्ट तलब की है। अदालत ने राज्य सरकार से पूछा है कि तीसरे लहर की आशंका को देखते हुए क्या-क्या तैयारी की जा रही है और कितना काम पूरा कर लिया गया है। गुरुवार को सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस एसएन प्रसाद की वेकेशन बेंच ने अगले सप्ताह इसकी रिपोर्ट तलब की है।

सुनवाई के दौरान अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि सरकार को तीसरे लहर से निपटने के लिए अभी से तैयारी करनी होगी, क्योंकि पिछला अनुभव बहुत अच्छा नहीं रहा है। अदालत दूसरी लहर आने से पहले ही सरकार को स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने और रिम्स में मशीन और खाली पदों पर नियुक्ति करने का निर्देश दे रही थी, लेकिन समय पर इंतजाम नहीं किया गया और स्थिति बिगड़ते गयी। इस बार ऐसा नहीं होना चाहिए।

अदालत ने सरकार से राज्य के जिला अस्पतालों की सुविधाएं की जानकारी मांगी है। यह बताने को कहा है कि इन अस्पतालों में क्या क्या इंतजाम हैं और क्या किए जा रहे हैं। शिशु वार्ड में कौन कौन सी सुविधाएं हैं और कौन सी सुविधां बढ़ाने की तैयारी की जा रही है। अदालत ने कहा कि केंद्र सरकार ने झाखंड के लिए जितने ऑक्सीजन प्लांट को मंजूरी दी है उसका निर्माण कार्य शुरु किया गया है या नहीं।

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अस्पतालों में ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक की व्यवस्था है या नहीं। जिला अस्पतालों में बच्चों के आइसीयू और इलाज की आधुनिक व्यवस्था कितनी है। सभी बिंदुओं पर सरकार को अगले सप्ताह रिपोर्ट पेश करने का निर्देश अदालत ने दिया है। कोरोना से संबंधित मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने रिम्स निदेशक से यह पूछा कि रिम्स की जेनरल बॉडी की बैठक में जिन प्रस्तावों को मंजूरी दी गयी थी उसमें सभी काम पूरे हुए हैं या नहीं।

इस पर निदेशक ने कहा कि मशीनों को खरीदने का वर्क ऑर्डर जारी कर दिया गया है, लेकिन अभी तक आपूर्ति नहीं हुई है। इस पर अदालदत ने रिम्स को आपूर्ति करने वाली कंपनी का नाम और ब्योरा उपलब्ध कराने को कहा। साथ ही इसकी प्रगति रिपोर्ट भी कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया।

सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता राजीव रंजन ने अदालत को बताया कि केंद्र सरकार से 16 मई को रेमडेसिविर की 79 हजार वायल मिला है। 30 हजार और आवंटित किया गया है जो जल्द ही पहुंच जाएगा। उन्होंने बताया कि फिलहाल रेमडेसिविर की कमी नहीं है। राज्य में पॉजिटिविटी रेट में कमी आयी है। राज्य में स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह लागू करने का लाभ भी दिख रहा है।

सुनवाई के दौरान पीएम केयर फंड से झारखंड को मिले वेंटिलेटर का मामला भी उठा। इस पर सरकार की ओर से बताया गया कि 50 फीसदी वेंटिलेटर काम नहीं कर रहे हैं। इस पर अदालत ने पूछा कि क्या इस मामले पर केंद्र सरकार को पत्र लिखा गया है। महाधिवक्ता ने बताया कि इसकी प्रक्रिया जारी है और जल्द ही केंद्र सरकार को इससे अवगत करा दिया जाएगा। इस पर कोर्ट ने कहा कि केंद्र को जो पत्र भेजा जाए उसे कोर्ट के रिकॉर्ड में भी रखें। अदालत ने केंद्र सरकार को भी इस मामले पर गौर करने का निर्देश दिया।

अदालत ने सरकार से बाल सुधार गृह और जेल में बंद कैदियों पर भी रिपोर्ट मांगी है। सरकार को यह बताने को कहा गया है कि ऐसे जुबिनाइल दो संक्रमित हो रहे हैं उनके इलाज के लिए क्या व्यवस्था की गयी है। अब तक कितने जूबिनाइल संक्रमित हुए हैं। जेलों में कैदियों की संख्या कम करने और कोरोना का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए उठाए गए कदम की जानकारी भी देने का निर्देश अदालत ने दिया है।

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