सुप्रीम कोर्ट ने कहा- जमानत के साथ पीड़ितों को मुआवजा देने की शर्त नहीं लगा सकते

New Delhi: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court Of India) ने एक अहम फैसले में कहा है कि किसी मामले में जमानत (Bail) के साथ पीड़ितों को मुआवजा (compensation) देने की शर्त को नहीं जोड़ा जा सकता है। जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस हेमंत गुप्ता की पीठ ने गुजरात के अमरेली के एक मामले में सुनवाई करते हुए यह बात कही है।

पीठ ने यह भी कहा कि हम यह नहीं कह रहे हैं कि जमानत की शर्त के साथ मौद्रिक शर्त नहीं लगाई जा सकती है। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि संपत्ति या अन्य अपराध से जुड़े मामले हैं।
पीठ ने कहा कि धारा 357 में यह स्पष्ट है कि इस तरह का मुआवजा मामले के समापन पर ही मिल सकता है, बेशक यह विवेक का मामला है।

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बिना पूरी सुनवाई के कोई सजा नहीं सुनाई जा सकती है और इसलिए इस तरह का कोई मुआवजा भी नहीं दिया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट दो आरोपितों की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। गुजरात हाई कोर्ट ने पीड़ितों को मुआवजा देने के लिए दोनों आरोपितों को दो-दो लाख रुपये जमा कराने की शर्त पर जमानत दी थी।

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