Kanwar Yatra: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- जीने का अधिकार सर्वोपरि, प्रतीकात्मक यात्रा की भी अनुमति न मिले

New Delhi: Supreme Court On Kanwar Yatra 2021 सुप्रीम कोर्ट ने कांवड़ यात्रा को लेकर सख्त रुख अख्तियार करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को कोविड-19 (Covid-19) के मद्देनजर प्रतीकात्मक यात्रा का भी आयोजन नहीं करने पर विचार करने को कहा है।

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार से इस बारे में 19 जुलाई तक जवाब देने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जीने का अधिकार सर्वोपरि है और हर तरह की भावनाएं संविधान के अनुच्छेद 21 के अधीन हैं।

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इस बीच केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि राज्यों को कांवड़ यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी और गंगा जल की व्यवस्था निर्दिष्ट स्थानों पर टैंकरों द्वारा की जाएगी।

उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसने उपयुक्त कोविड-19 पाबंदियों के साथ प्रतीकात्मक कांवड़ यात्रा आयोजित करने का निर्णय किया है। गौरतलब है कि उत्तराखंड सरकार ने अपने कांवड़ यात्रा पर रोक लगा दी है।

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में सुझाव दिया कि राज्यों को पवित्र गंगाजल तय स्थानों पर टैंकरों के माध्यम से उपलब्ध कराने के लिए एक सिस्टम विकसित करना चाहिए ताकि भक्त ऐसे गंगाजल वहां से ले सकें और निकटतम शिव मंदिर में अभिषेक कर सकें। उसने अपने हलफनामे में कहा है कि कांवड़ लेकर मंदिर में जाने से बेहतर होगा कि टैंकर से जगह-जगह गंगाजल पहुचाया जाए।

सॉलिसिटर जनरल ने केंद्र सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं कि कांवड़ यात्रा का धार्मिक महत्व है, इसीलिए गंगाजल को जगह-जगह पहुंचाने की बात की जा रही है। उन्होंने कहा कि धार्मिक भावनाओं का सम्मान करने के लिए ही गंगाजल की आपूर्ति सुनिश्चित करवाई जाएगी।

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