बुढ़ी मां को प्रॉपर्टी से बेदखल करने की कोशिश करने हाईकोर्ट ने बेटे पर लगाया एक लाख का जुर्माना

Chandigarh: अपनी बुढ़ी मां को मकान से बेदखल करने की कोशिश करने के मामले में पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने बेटे पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। साथ ही उसकी याचिका खारिज कर दी है। हाई कोर्ट ने मोहाली के चीफ ज्यूडिशल मजिस्ट्रेट को आदेश दिया है कि वह दो माह के भीतर यह राशि वादी से वसूल कर उसकी मां को दें।

जस्टिस अरविद सिंह सांगवान ने दाखिल याचिका को दुर्भाग्यपूर्ण याचिका करार दिया। कहा कि याचिका को देखने से यह भी पता चलता है कि यह अपनी ही मां को परेशान करने के परोक्ष उद्देश्य से दायर की गई है, ताकि उसके द्वारा दिए गए जनरल पावर ऑफ अटॉर्नी के आधार पर वादी घर हड़प सके और बुढ़ापे में उसे बेदखल कर सके।

वादी की ओर से दायर याचिका से स्पष्ट है कि वह लालची इंसान है। कोर्ट ने याची की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि रिकॉर्ड को देखने से स्पष्ट है कि वादी बेईमान है, क्योंकि वह अपनी ही मां को घर से बाहर करना चाहता है और आगे इसे बेचने की योजना बना रहा है।

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हाई कोर्ट ने सीजेएम एसएएस नगर (मोहाली) को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि वादी से एक लाख रुपये का जुर्माना वसूला जाए और इसके बाद 2 महीने की अवधि के भीतर वादी की वृद्ध मां को भुगतान किया जाए। मामले में वादी सन्नी गोयल के पिता ने 11 नवंबर, 2013 को एक वसीयतनामा किया था।

जिसमें घर का 50 प्रतिशत हिस्सा वादी को दिया गया था और अन्य 50 प्रतिशत हिस्सा उसकी पत्नी यानी वादी की वृद्ध मां को प्रदान किया गया था। ऐसा यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया था कि वादी की वृद्ध मां के पास जीवन भर रहने के लिए एक घर हो।

वादी ने अदालत के समक्ष यह प्रस्तुत किया कि उसे अपनी मां की संपत्ति के हिस्से पर जनरल पावर ऑफ अटॉर्नी प्राप्त हुई है। वादी ने अपनी मां व मामा से जान को खतरा बताते हुए सुरक्षा की मांग की थी।

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