एसआई रूपा तिर्की मौत मामला: महाधिवक्ता पर अवमानना चलने की हाईकोर्ट से मांग, वादी ने दिया आवेदन

Ranchi: Roopa Tirkey Death Case एसआई रूपा तिर्की की मौत मामले की सुनवाई अब वही जज करेंगे, जिस पर पिछले दिनों राज्य सरकार ने सवाल उठाया था। यह मामला झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस तक पहुंचा था। लेकिन उन्हें जस्टिस एसके द्विवेदी पर भरोसा जताते हुए उन्हें ही इस मामले की सुनवाई के लिए चुना है। रूपा तिर्की की मौत की सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका पर आज सुनवाई हुई।

सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से महाधिवक्ता और अपर महाधिवक्ता के खिलाफ अवमानना चलाने की मांग को लेकर आवेदन दिया गया। इसपर 31 अगस्त को सुनवाई होगी। पिछली सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता ने जज पर सवाल उठाते हुए सुनवाई नहीं करने को कहा था। जिसके बाद जस्टिस एसके द्विवेदी ने इस मामले को चीफ जस्टिस को भेजते हुए कहा था कि अब उन्हीं के स्तर पर यह निर्णय लिया जाए। चीफ जस्टिस ने जस्टिस एसके द्विवेदी पर भरोसा जताते हुए उन्हीं को इस मामले की सुनवाई करने को कहा है।

पिछले दिनों जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत में रूपा तिर्की मामले की सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता राजीव रंजन ने कहा था कि उन्हें अब इस मामले की सुनवाई नहीं करनी चाहिए। महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि 11 अगस्त को मामले की सुनवाई समाप्त होने के बाद प्रार्थी के अधिवक्ता का माइक्रोफोन ऑन रह गया था। वह अपने मुवक्किल से कह रहे थे कि इस मामले का फैसला उनके पक्ष में आना तय है। दो सौ प्रतिशत इस मामले की सीबीआइ जांच तय है। जब प्रार्थी के वकील इस तरह का दावा कर रहे हैं, तो अदालत से आग्रह होगा कि वह इस मामले की सुनवाई नहीं करें।

इस अदालत ने महाधिवक्ता से कहा कि जो बात आप कह रहें हैं उसे शपथपत्र के माध्यम से कोर्ट में पेश करें। लेकिन महाधिवक्ता ने शपथपत्र दाखिल करने से इन्कार कर दिया और कहा कि उनका मौखिक बयान ही पर्याप्त है। इसके बाद अदालत ने महाधिवक्ता के बयान को रिकॉर्ड करते हुए इस मामले को चीफ जस्टिस के पास भेज दिया। इस दौरान अदालत कहा कि एक आम आदमी भी न्यायालय पर सवाल खड़ा करे तो यह न्यायपालिका के गरिमा के अनुरूप नहीं है। जब यह सवाल उठ गया है, तो हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को ही निर्धारित करना चाहिए कि इस मामले की सुनवाई कौन कोर्ट करेगी।

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चीफ जस्टिस ने इस मामले में जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत पर ही भरोसा जताया है। दरअसल, रूपा तिर्की के पिता देवानंद उरांव ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर इस मामले की सीबीआइ जांच की मांग की है। उनका कहना है कि रूपा तिर्की ने आत्महत्या नहीं की है, बल्कि हत्या की गई है। पुलिस इसे प्रेम प्रसंग का मामला बता आत्महत्या का रंग दे रही है। उनकी बेटी की मौत के बाद जिस परिस्थिति में शव मिला था उससे प्रतीत होता है कि वह आत्महत्या नहीं है।

अदालत को बताया गया कि साहिबगंज में पंकज मिश्रा नामक एक राजनीतिक रसूख वाल व्यक्ति संदेह के घेरे में है। रूपा की मौत के बाद एसआइटी हेड डीएसपी से पंकज मिश्रा की कई बार बात हुई है। प्रार्थी देवानंद के अधिवक्ता ने अदालत में पंकज मिश्रा का कॉल डिटेल पेश करते हुए कहा कि एसपी, डीसी और डीएसपी से उसकी लगातार बात हुई है। अदालत को बताया गया कि रूपा तिर्की कई महत्वपूर्ण मामलों की जांच कर रही थी। इस कारण उनकी हत्या की साजिश रची गई और इसमें पंकज मिश्रा और कुछ पुलिस वाले शामिल हैं।

पिछली सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता राजीव रंजन ने कहा था कि रूपा तिर्की ने आत्महत्या की है और पुलिस अनुसंधान में यह बात सामने आई है। रूपा के कॉल डिटेल और मैसेज से यह प्रमाणित हुआ है कि उसका एक एएसआइ से प्रेम प्रसंग चल रहा था। रूपा के मैसेज से भी आत्महत्या की बात सामने आई है। महाधिवक्ता ने कहा कि रूपा की मौत की जांच के लिए सरकार ने कमीशन ऑफ इंक्वायरी गठित की है। रिटायर चीफ जस्टिस बीके गुप्ता इसकी जांच कर रहे हैं।

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