प्रोन्नति मामले में हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश पर सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप से इनकार

रांची। राज्य के अंचल निरीक्षक से अंचलाधिकारी पद पर होने वाली प्रोन्नति प्रक्रिया पर रोक लगाने के झारखंड हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने हाईकोर्ट के आदेश में किसी प्रकार का हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए याचिका खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अब्दुल नजीर व जस्टिस संजीव खन्ना की अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा कि यह मामला अभी हाईकोर्ट में लंबित हैं। ऐसे में कोर्ट इस मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकती है। इसलिए इस मुद्दे को हाईकोर्ट में उठाया जाए।

सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि हाईकोर्ट ने सिर्फ मौखिक प्रार्थना करने पर इस मामले में स्थगन आदेश पारित किया है, जबकि इस मामले में न तो प्रार्थी की ओर से याचिका में किसी प्रकार की प्रार्थना की गई है और न ही याचिका में ऐसी कोई प्लीडिंग थी। ऐसे में हाईकोर्ट का अंतरिम आदेश गलत है और इसे निरस्त किया जाना चाहिए। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने वादी की दलीलें नहीं मानी और याचिका को खारिज कर दिया।

गौरतलब है कि झारखंड हाईकोर्ट ने अंचल निरीक्षक से अंचलाधिकारी के पद पर प्रोन्नति के लिए होने वाली विभागीय प्रोन्नति समिति (डीपीसी) की बैठक पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ कपिल देव मांझी व अन्य की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की गई थी। याचिका में कहा गया था कि जिस आधार पर हाईकोर्ट ने डीपीसी की बैठक पर रोक लगाई है वादी की ओर से याचिका में वैसी प्रार्थना नहीं की गई थी।

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