उत्तर प्रदेश में 69000 हजार शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता साफ, सुप्रीम कोर्ट ने कट ऑफ मार्क्स को चुनौती देने वाली याचिका खारिज की

नयी दिल्ली। Supreme Court सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को मई में घोषित परिणामों के आधार पर सहायक बेसिक शिक्षकों (assistant Basic Teacher ) के 69,000 रिक्त पदों पर भर्ती करने की बुधवार को अनुमति दे दी। जस्टिस यूयू ललित की अगुवाई वाली पीठ ने सहायक बेसिक शिक्षकों के चयन के लिए कट ऑफ अंक बरकरार रखने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ की याचिका सहित अन्य याचिकाओं को खारिज कर दिया।

संघ और कई अन्य शिक्षा मित्रों ने उत्तर प्रदेश सरकार के सात जनवरी 2019 के आदेश को चुनौती दी थी। इस आदेश में कहा गया था कि सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा 2019 को उत्तीर्ण करने के लिए सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों को कम से कम 65 प्रतिशत अंक और आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को 60 प्रतिशत अंक हासिल करने होंगे।

पीठ ने अपने आदेश में कहा कि उसने राज्य सरकार के इस प्रतिवेदन को दर्ज कर लिया है कि परीक्षा उत्तीर्ण करने में असफल रहने वाले ‘शिक्षा मित्रों ’ को अगले चयन में प्रतियोगिता में बैठने का एक और अवसर दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य को उत्तर प्रदेश में शिक्षा मित्र शिक्षकों को सहायक बेसिक शिक्षकों के तौर पर चयन के लिए फिर से प्रतियोगिता में भाग लेने का एक और मौका देने की अनुमति होगी।

इसे भी पढ़ेंः Chhath Puja: सार्वजनिक स्थलों पर छठ पूजा की अनुमति देने से दिल्ली हाईकोर्ट का इन्कार

इससे पहले अदालत ने राज्य से इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर जवाब देने को कहा था। अदालत ने इन पदों पर भर्तीं के लिए कट-ऑफ अंक अधिक रखने के उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले को बरकरार रखा था। अदालत ने राज्य सरकार से यह बताने को कहा था कि उसने सामान्य श्रेणी के लिए 45 और आरक्षित वर्ग के लिए 40 प्रतिशत कट-ऑफ अंक हासिल करने की पूर्ववर्ती अहर्ता में बदलाव क्यों किया।

राज्य ने अपने जवाब में कहा कि सबसे अच्छे उम्मीदवारों को चुनने के लिए कट-ऑफ अंक बढ़ाए गए और इस फैसले में कुछ भी गैर-कानूनी नहीं है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सहायक बेसिक शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया पूरी करने को हरी झंडी दे दी थी। अदालत ने राज्य सरकार को आदेश दिया था कि वह आगामी तीन महीने में प्रक्रिया पूरी करे।

25 जुलाई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा था कि वह अध्यापक योग्यता परीक्षा ( टीईटी) के जरिए की गयी 1,37,517 भर्तियों को रद्द करे लेकिन भर्ती प्रक्रिया में अनुभव का लाभ दे। सरकार ने छह महीने बाद 17 जनवरी, 2018 को 69,000 सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए पहली बार लिखित परीक्षा का आदेश जारी किया था।

Rate this post
Share it:

Leave a Comment