Shah Brothers case: सरकार के आदेश को निरस्त करने के खिलाफ अपील दाखिल नहीं करेगी सरकार

Ranchi: Shah Brothers case झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस आर मुखोपाध्याय और जस्टिस दीपक रौशन की अदालत में अवकाश के समय शाह ब्रदर्स के लीज से संबंधित मामले में हुई सुनवाई के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई की गई।

सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से जवाब दाखिल किया गया। इसमें कहा गया है कि राज्य सरकार शाह ब्रदर्स के मामले में एकल पीठ के खिलाफ अपील दाखिल नहीं करेगी। इस मामले में खान विभाग की ओर से सुनवाई की जा रही है।जिसमें विधि सम्मत आदेश पारित किया जाएगा।

वहीं, इस मामले में प्रार्थी की ओर से दाखिल जनहित याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। क्योंकि उन्होंने इस मामले में अपना क्रेडेंशिएल (साख) नहीं बताया है। इसके अलावा संस्था ने कितने जनहित के काम किए और क्या संस्था ने याचिका दाखिल करने के लिए अध्यक्ष को अनुमति दी है।

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इसलिए यह याचिका झारखंड हाई कोर्ट रूल्स के मुताबिक नहीं है। इसलिए इसे खारिज कर देना चाहिए। इस पर प्रार्थी की ओर से अपना जवाब दाखिल करने के लिए समय की मांग की गई, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार ने पक्ष रखा।

मामले में अगली सुनवाई आठ दिसंबर को होगी। इस संबंध में भूमि अधिग्रहण विस्थापित आवाम पुनर्वास विकास समिति की ओर से जनहित याचिका दाखिल की गई है। याचिका में शाह ब्रदर्स के मामले में एकल पीठ के आदेश के खिलाफ अपील दाखिल करने के लिए सरकार को निर्देश देने की मांग की है।

बता दें कि एकल पीठ ने शाह ब्रदर्स के मामले में राज्य सरकार के आदेश को निरस्त करते हुए दोबारा सुनवाई करने का निर्देश दिया था। शाह ब्रदर्स ने लीज रद करने के सरकार के आदेश को कोर्ट ने रद कर दिया था।

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