यौन शोषण का मामलाः कोर्ट ने कहा, दोनों बालिग तो मर्जी से ही बने होंगे शारीरिक संबंध

झारखंड हाई कोर्ट ने शादी का झांसा देकर युवती का यौन शोषण करने के आरोपी गोविंद कर्मकार को जमानत प्रदान कर दी है। जस्टिस दीपक रोशन की अदालत ने दस-दस हजार रुपये के निजी मुचलके पर उन्हें रिहा करने का आदेश दिया। सुनवाई के दौरान अधिवक्ता अनुराग कश्प ने अदालत को बताया कि गोविंद कर्मकार आरोप लगाने वाली युवती के दीदी का देवर है और दोनों के बीच पांच साल से प्रेम प्रसंग चल रहा था। युवती की उम्र 26 साल है। उनकी ओर से सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का हवाला देते हुए कहा गया कि जब दोनों बालिग हैं तो उनकी मर्जी से ही संबंध बना होगा और वे अपना नफा-नुकसान समझ सकते हैं। अधिवक्ता अनुराग कश्यप ने कहा गया कि इस मामले में सारी गवाही हो चुकी है और सिर्फ जांच अधिकारी की गवाही होनी बाकी है। कोरोना संक्रमण के चलते अब गवाही होना संभव नहीं है, ऐसे में प्रार्थी को जमानत मिलनी चाहिए। ज्ञात हो कि जमशेदपुर के धालभूम थाने में युवती ने एक अगस्त 2019 को प्राथमिकी दर्ज कराई। इसमें कहा गया कि गोविंद ने उसे शादी का झांसा देकर पांच साल तक यौनशोषण किया। पुलिस ने 18 अगस्त 2019 को गोविंद को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। तब से वह जेल में था।

दहेज हत्या के आरोपी पति चंदन को मिली जमानत

झारखंड हाई कोर्ट ने दहेज हत्या के आरोप में जेल में बंद पति चंदन कुमार यादव को राहत मिल गई है। जस्टिस डॉ एसएन पाठक की अदालत ने दस-दस हजार रुपये के दो निजी मुचलके पर इसे रिहा करने का आदेश दिया। सुनवाई के दौरान अधिवक्ता अनुराग कश्यप ने अदालत को बताया कि लातेहार जिले के मनिका थाना क्षेत्र के चंदन कुमार की पूनम यादव से वर्ष 2015 में शादी हुई थी। दो सितंबर 2019 को पूनम यादव की मौत हो गई। इसके बाद पूनम के पिता ने ससुर और पति पर दहेज हत्या का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई। प्राथमिकी में कहा गया कि पूनम की जहर देकर हत्या की गई है, जबकि उसकी मौत टायफाइड से हुई है। अदालत को बताया गया कि इस मामले में पुलिस ने बिसरा रिपोर्ट रिसीव किए बिना ही चंदन के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है। इस रिपोर्ट से पता चलता कि पूनम की मौत जहर से हुई है या नहीं। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपित चंदन कुमार यादव को जमानत प्रदान कर दी। चंदन 16 नवंबर 2019 से ही जेल में बंद था।

इसे भी पढ़ेंः झारखंड हाई कोर्ट ने एसीबी से पूछा- अपने नाम पर कर्मचारी से रिश्वत लेने वाले अधिकारी को क्यों नहीं बनाया आरोपी

Rate this post
Share it:

Leave a Comment