स्कूल फीस: सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर झारखंड सरकार दे जवाब

रांची। राज्य के निजी स्कूलों को सिर्फ ट्यूशन फीस लेने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सरकार को एक सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। झारखंड अन एडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने यह निर्देश दिया है।


निजी स्कूलों की ओर से पक्ष रखते हुए वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार ने अदालत को बताया कि झारखंड सरकार ने जून 2020 में एक आदेश जारी कर निजी स्कूलों में सिर्फ ट्यूशन फीस लेने का आदेश दिया है। बस फीस समेत कई अन्य फीस पर रोक लगाई गई है। सरकार के आदेश में फीस नहीं देने वाले किसी भी छात्र को स्कूल से नहीं निकालने और ऑनलाइन क्लास में शामिल करने से मना नहीं करने की भी बात कही गई है।

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इसके चलते कई अभिभावक ट्यूशन फीस भी जमा नहीं कर रहे हैं। ऐसे में निजी स्कूलों की आर्थिक स्थिति बदतर हो गई है। फीस नहीं मिलने से बसों के रखरखाव व कर्मचारियों के वेतन पर भी संकट आ गया है।

अदालत को सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का हवाला देते हुए कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी करते हुए स्कूलों को सभी तरह के बकाया फीस अप्रैल से लेकर अगस्त तक किस्तों में लेने की छूट प्रदान की है।

अदालत से सरकार के फीस नहीं लेने के आदेश पर रोक लगाने का आग्रह किया गया। सरकारी अधिवक्ता की ओर से बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में वह सरकार से निर्देश प्राप्त कर जवाब दाखिल करेगी। इस पर अदालत ने सरकार को एक सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए सुनवाई स्थगित कर दी।

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