RTI: हाईकोर्ट ने कहा- सही समय पर सूचना नहीं देने पर सूचना आयोग के हर्जाने का आदेश बिल्कुल सही

Ranchi: RTI News झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सूचना आयोग के उस आदेश को बरकरार रखा है, जिसमें आयोग की ओर से सही समय पर सूचना नहीं देने पर जनसूचना अधिकारी पर बीस हजार रुपये का हर्जाना लगाया है।

इस मामले में जस्टिस केपी देव की अदालत में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सूचना आयोग के जवाब के बाद अदालत ने दुमका की तत्कालीन बाल विकास पदाधिकारी की याचिका को खारिज कर दिया। अदालत ने राज्य सूचना आयोग के आदेश को बरकरार रखा है।

इसको लेकर दुमका की तत्कालीन बाल विकास पदाधिकारी कुमारी रंजना की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर सूचना आयोग के आदेश को चुनौती गई है। सुनवाई के दौरान कुमारी रंजना के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि जिस समय आरटीआइ के तहत सूचना मांगी गई थी।

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उस दौरान प्रार्थी जनसूचना पदाधिकारी के प्रभार में नहीं थीं। इसका प्रभार तत्कालीन बीडीओ के पास था। इस पर सूचना आयोग के अधिवक्ता संजय पिपरवाल ने कहा कि प्रार्थी ने इससे संबंधित कोई दस्तावेज पेश नहीं किया है। जिससे यह साबित हो सके कि वह उस दौरान जनसूचना पदाधिकारी के प्रभार में नहीं थीं।

इसके अलावा आयोग की ओर से इन्हें सूचना देने के कई बार समय दिया गया, लेकिन इन्होंने आयोग के आदेश का पालन नहीं किया। जिसके बाद आयोग ने सही समय से सूचना नहीं देने पर इन पर 20 हजार रुपये का हर्जाना लगाया है। साथ ही विभाग पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था। हर्जाने की राशि बाल विकास पदाधिकारी के वेतन से वसूलने का निर्देश दिया गया था। इस पर अदालत ने आयोग का आदेश बरकरार रखा।

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