Rathayatra: रांची में रथयात्रा निकालने पर राज्य सरकार ही ले निर्णय: हाई कोर्ट

रांची। Rathayatra in Ranchi झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में रांची में रथयात्रा निकालने की अनुमति दिए जाने के मामले में सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने राज्य सरकार को ही रथ यात्रा निकालने पर निर्णय लेने को कहा है। अदालत ने कहा है कि अगर राज्य सरकार रथयात्रा निकालने की अनुमति देती है तो सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन किया जाना चाहिए।

सुनवाई के दौरान वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार, रवि सिंह, अपराजिता भारद्वाज, कुशल कुमार, कुमारी सुगंधा ने अदालत को बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने पुरी में रथ यात्रा निकालने को लेकर कुछ शर्तों के साथ आदेश पारित किया है। इसके अलावा गुजरात सरकार ने अहमदाबाद में रथयात्रा निकालने की अनुमति प्रदान की गई है।

झारखंड सरकार ने 30 जून 2021 को अनलॉक के संबंध में निकाले गए आदेश में 50 प्रतिशत लोगों के साथ खोलने की इजाजत दी है। पूर्व में अदालत ने छिन्नमस्तिका मंदिर के मामले में भी राज्य सरकार को उचित निर्णय का आदेश दिया है। ऐसे में रांची में रथ यात्रा निकालने पर सरकार को निर्णय लेने का निर्देश दिया जा सकता है।

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इस पर राज्य सरकार की ओर से पेश हुए अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार ने कहा कि वर्तमान समय में राज्य में कोरोना संक्रमण के केस बढ़े हैं। इसको देखते हुए रथयात्रा निकालने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। अदालत ने कहा कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस मामले में राज्य सरकार ही उचित निर्णय ले सकती है। अदालत ने कहा कि अगर रथयात्रा निकालने की अनुमति दी जाती है, तो अगले माह से सावन शुरू होने वाला है। ऐसे में बाबा धाम का भी मामला सामने आ सकता है।

यदि राज्य सरकार 61 पुजारी व सेवकों के साथ रथयात्रा निकालने की अनुमति देती है तो सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित शर्तों के आधार पर राज्य सरकार ऐसा निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र है। अदालत ने यह भी कहा कि अपर महाधिवक्ता कोर्ट के उक्त निर्णय से राज्य सरकार को अवगत कराएंगे ताकि कोर्ट के आदेश की मूल प्रति के बिना भी राज्य सरकार इस पर यथाशीघ्र उचित निर्णय ले सके।

बता दें कि रांची के जगन्नाथपुर मंदिर न्यास समिति की ओर से इस संबंध में झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई थी हाईकोर्ट के आदेश के बाद समिति के सदस्य काफी उत्साहित है और उन्हें इस बात का पूरा भरोसा मारता है कि राज्य सरकार उनकी भावनाओं को देखते हुए इस पवित्र रथयात्रा के महत्व को समझते हुए उचित निर्णय लेगी ताकि राज्य वासियों के आस्था एवं प्रभु जगन्नाथ से संबंधित परंपरा बनी रहे।

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