Ranchi: झारखंड हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश में कहा है कि किसी व्यक्ति को इस आधार पर हिरासत में नहीं लिया जा सकता कि निष्पक्ष विधानसभा चुनाव के लिए ऐसा करना आवश्यक है। जस्टिस आनंद सेन व जस्टिस प्रदीप कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ ने कहा कि देश के नागरिक की स्वतंत्रता को सर्वोच्च स्थान पर रखा जाना चाहिए। किसी भी अधिकारी की इच्छा पर इसपर अंकुश नहीं लगाया जा सकता है। व्यक्ति को हिरासत में लेने के लिए काफी मजबूत आधार होना चाहिए। ऐसे में निष्पक्ष और उचित चुनाव कराने के बहाने भी नागरिक की स्वतंत्रता पर अंकुश नहीं लगाया जा सकता है।
खंडपीठ ने यह भी कहा कि केवल स्टेशन डायरी (सन्हा) दर्ज करना किसी व्यक्ति को हिरासत में लेने का आधार नहीं हो सकता। इस संबंध में गणेश सिंह ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। याचिका में पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त द्वारा सितंबर 2024 में पारित आदेश को चुनौती दी गई । कोर्ट को बताया गया कि वह पेशेवर अपराधी नहीं है। जिसे हिरासत में रखा जाना चाहिए। अधिकारियों ने उसे परेशान करने के लिए ऐसा किया है। सरकार का कहना था प्रार्थी के खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं। शांतिपूर्ण विधानसभा चुनाव कराने के लिए प्रार्थी को हिरासत में रखना आवश्यक था। सुनवाई पश्चात कोर्ट ने सरकार के आदेश को निरस्त कर दिया।