अधिवक्ता मनोज झा की हत्या के विरोध में वकीलों का मौन मार्च, न्यायिक कार्य से रहे दूर

Ranchi: अधिवक्ता मनोज कुमार झा की हत्या के खिलाफ रांची सिविल कोर्ट के वकीलों का गुस्सा फूट पड़ा। लेकिन अधिवक्ताओं ने अपने गुस्से का इजहार मौन आक्रोश मार्च निकल कर किया। हत्या के खिलाफ दोपहर 12 बजे स्टेट बार काउंसिल के सदस्य सह बार एसोसिएशन के पूर्व महासचिव संजय कुमार विद्रोही एवं निवर्तमान प्रशासनिक सचिव पवन रंजन खत्री के नेतृत्व में सैकड़ों अधिवक्ताओं सड़क पर उतरे और शांतिपूर्ण ढंग से मौन आक्रोश मार्च निकाला।

अधिवक्ताओं का आक्रोश मार्च जिला बार एसोसिएशन से निकला और अल्बर्ट एक्का चौक पहुंचा। इसके बाद अधिवक्ताओं ने सभी अधिवक्ताओं को सुरक्षा प्रदान करने, दिवंगत अधिवक्ता के परिवार को सुरक्षा प्रदान करने, उचित मुआवजा देने के साथ हत्यारे को जल्द से जल्द गिरफ्तारी एवं स्पीडी ट्रायल चलाने की मांग की। आक्रोश मार्च के बाद अधिवक्ताओं ने अपने आप को न्यायिक कार्य से अलग रखा। आक्रोश मार्च में जिला बार एसोसिएशन के एडहॉक कमेटी के अध्यक्ष एवं महासचिव शामिल नहीं हुए।

अपराधियों को जल्द गिरफ्तारी की मांग को लेकर एसएसपी को ज्ञापन

मौन आक्रोश मार्च से लौटते हुए अधिवक्ताओं का एक प्रतिनिधिमंडल एसएसपी सुरेन्द्र कुमार झा से मुलाकात कर समाहरणालय स्थित कार्यालय में ज्ञापन सौंपा। एसएसपी ने आश्वासन दिया कि हत्याकांड में संलिप्त सभी अपराधियों की गिरफ्तारी का प्रयास जारी है। दो अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है।प्रतिनिधिमंडल ने एसएसपी को जानकारी दी कि स्व. मनोज झा ने तमाड़ थाना में हत्या की आशंका को लेकर सनहा दर्ज करवाया था। बावजूद कोई पुलिस ने कोई एक्शन नहीं ली।

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जिसके कारण अपराधियों का मनोबल इतना बढ़ा हुआ है कि वे कानून के रक्षकों को भी दिनदहाड़े हत्या करने से बाज नहीं आ रहे। प्रशासन द्वारा अधिवक्ताओं की सुरक्षा से संबंधित कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया गया है। इस पर विचार किया जाए। प्रतिनिधिमंडल में संजय कुमार विद्रोही, पवन रंजन खत्री, प्रितांशु सिंह, जय शंकर शर्मा, बीरेन्द्र प्रताप, सत्येद्र प्रसाद सिंह, मनीष सिन्हा, रतीश रौशन उपाध्याय, समीर दत्तवार, उत्तम कुजूर शामिल थे।

दो मिनट का मौन रख कर दी श्रद्धांजलि
आक्रोशित अधिवक्ता नए बार भवन के पहले तल्ले पर जमा हुए। जहां घटना की निंदा करते हुए अधिवक्ताओं की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किए जाने की मांग की गयी। इससे पूर्व अधिवक्ता परिवार ने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रख कर मनोज झा को श्रद्धांजलि दी। अधिवक्ताओं ने कहा कि हत्या से जुड़ी घटना ने पूरे अधिवक्ता समाज को हिलाकर रख दिया है। अधिवक्ता साथी की निर्मम हत्या की गयी है। जल्द से जल्द एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू होना चाहिए। ताकि अधिवक्ता परिवार निर्भय होकर समाज को न्याय दिला सके। विश्वास है जल्द ही अपराधियों को पुलिस दबोच लगेगी।

अपराधियों की गिरफ्तारी के साथ स्पीडी ट्रायल हो – संजय कुमार विद्रोही
बार एसोसिएशन के पूर्व महासचिव संजय कुमार विद्रोही ने कहा कि मौन मार्च निकालकर गुस्सा जाहिर किया गया। लेकिन इसे सिर्फ मौन मार्च न समझा जाए, यह आगाज है आनेवाले समय में अधिवक्ता बताएंगा की इसके खिलाफ क्या करेंगे। प्रशासन दर्ज प्राथमिकी पर तत्काल कार्रवाई करते हुए निष्कर्ष तक पहुंचाने का कार्य करें। दिवंगत अधिवक्ता ने पूर्व में थाना में सूचना दी गयी थी। लेकिन इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया।

अधिवक्ताओं की मांग
एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू हो
हत्या में संलिप्त हर एक की गिरफ्तारी जल्द हो
जांच अधिकारी जल्द से जल्द चार्जशीट दाखिल करें
स्पीडी ट्रायल कर दोषियों को कठोर से कठोर सजा दिलाने का काम हो
मृतक अधिवक्ता के परिवार को सुरक्षा के साथ उचित मुआवजा प्रदान किया जाए

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