Promotion: सीआई से अंचलाधिकारी में प्रोन्नति पर हाईकोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने का दिया आदेश

Ranchi: Promotion झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह व जस्टिस अनुभा रावत चौधरी की अदालत में अंचल निरीक्षकों को प्रोन्नति के मामले में सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने इस मामले में यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया है। साथ ही अदालत ने वैसे सभी लोगों को नोटिस जारी किया है जिन्हें प्रार्थियों के बदले प्रमोशन दिया गया है।

हालांकि खंडपीठ ने वरीय लोगों को ही अंचल निरीक्षक के पद से अंचलाधिकारी के पद पर प्रमोशन देने के एकलपीठ के आदेश पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया एकल पीठ के आदेश के खिलाफ सरकार ने हाई कोर्ट में अपील याचिका दाखिल की है। जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने यथास्थिति बहाल करने का आदेश दिया है। यानी न तो किसी को प्रोन्नति दी जाएगी और न प्रोन्नति वापस ली जाएगी।

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दरअल, इस मामले में श्रवण कुमार व अन्य की ओर से एकलपीठ में याचिका दाखिल की गई थी। सुनवाई के दौरान इनके अधिवक्ता सौरभ शेखर ने अदालत को बताया था कि राज्य सरकार ने प्रोन्नति के लिए 20 साल की सेवा और एक साल अंचल निरीक्षक के पद पर सेवा देने की आहर्ता तय की है। जिसके आधार पर 2019 में कई लोगों को प्रोन्नति दी गई। लेकिन इसमें ऐसे लोग भी थे, जो वरीयता सूची से प्रार्थियों से कनीय है।

अदालत को बताया गया कि कनीय को प्रोन्नति देना गलत है। क्योंकि छूट का लाभ वरीय लोगों को पहले मिलना चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं करते हुए उनके कनीय को इसका लाभ दिया गया है। प्रार्थी की दलील को अदालत ने भी मानते कहा है कि आहर्ता में छूट का लाभ वरीय लोगों को पहले मिलना चाहिए। इसलिए सरकार वरीयता के आधार पर अंचल निरीक्षकों को अंचल पदाधिकारी के पद पर प्रोन्नति प्रदान करें।

एकलपीठ के इस आदेश को राज्य सरकार ने खंडपीठ में चुनौती दी थी। इस पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से आदेश पर रोक लगाए जाने की मांग की गई, लेकिन अदालत ने इस पर रोक लगाने से इन्कार करते हुए पूरे मामले में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है। साथ ही अदालत ने पदोन्नति पाए सभी लोगों को नोटिस जारी किया। इस मामले में अब अगली सुनवाई 17 नवंबर को होगी।

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