Promotion: हाईकोर्ट ने पूछा- एसडीओ पद पर प्रोन्नति की अधिसूचना जारी होगी या नहीं, स्थिति स्पष्ट करे सरकार

Ranchi: Promotion झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) के जस्टिस डॉ एसएन पाठक की अदालत में डिप्टी कलेक्टर से एसडीओ (SDO) पद पर प्रोन्नति की अनुशंसा होने के बाद अधिसूचना जारी नहीं किए जाने के मामले में सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद राज्य सरकार को अपनी स्थित स्पष्ट करने के लिए अंतिम मौका दिया है।

अदालत ने कहा कि अगली सुनवाई की तिथि के दौरान राज्य सरकार को अब और समय नहीं दिया जाएगा। इस मामले में अगली सुनवाई 16 नवंबर को होगी। पूर्व में अदालत ने राज्य सरकार से सभी प्रोन्नति पर रोक लगाने इस संबंध में राज किशोर प्रसाद सहित 20 अन्य की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।

सुनवाई के दौरान वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार व चंचल जैन ने अदालत को बताया कि डिप्टी कलेक्टर की डीपीसी की बैठक के बाद अहर्ता पूरी करने वाले पदाधिकारियों की दिसंबर 2020 में प्रोन्नति की अनुशंसा कर दी गई, लेकिन विभाग की ओर से अभी तक अधिसूचना जारी नहीं की गई है।

इसे भी पढ़ेंः Land dispute: हाईकोर्ट ने कहा- राहत बढ़ाने के लिए दाखिल करें आवेदन, पूर्व डीजीपी की पत्नी पूनम पांडेय से जुड़ा मामला

जबकि अन्य विभागों में हाल में ही प्रोन्नति की अधिसूचना जारी की गई है। लेकिन सरकार सभी विभागों में प्रोन्नति पर रोक का हवाला दे रही है। इस पर अदालत ने कहा कि जब अन्य विभागों में प्रोन्नति दी गई है, तो सरकार कोर्ट के आदेश का इंतजार क्यों कर रही है। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से जवाब दाखिल किया गया।

इसमें कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट में जनरैल सिंह का मामला लंबित होने के कारण एवं सरकार की ओर से एससी-एसटी की प्रोन्नति के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है। इसलिए सभी विभागों में प्रोन्नति पर रोक का आदेश बिल्कुल सही है।

इस पर प्रार्थियों की ओर से अदालत को बताया गया कि जनरैल सिंह के मामले से आम प्रोन्नति का कोई लेना-देना नहीं है। इस तरह के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने प्रोन्नति दिए जाने की अनुमति प्रदान की है। वर्ष 2018 में पारित आदेश पर पर ही सभी को प्रोन्नति दी जा रही है।

ऐसे में राज्य सरकार की ओर से सभी प्रोन्नति पर रोक लगाया जाना अनुचित है। प्रार्थियों की ओर से विषय की गंभीरता पर अदालत का ध्यान दिलाया गया। इस पर अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि अगली सुनवाई की तिथि तक राज्य सरकार को इस विषय पर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।

Rate this post
Share it:

Leave a Comment